चुनावी रैलीयां हो सकती हैं तो स्कूल क्यों नहीं खुलते ?

  1. Home
  2. उत्तर प्रदेश
  3. सहारनपुर

चुनावी रैलीयां हो सकती हैं तो स्कूल क्यों नहीं खुलते ?

चुनावी रैलीयां हो सकती हैं तो स्कूल क्यों नहीं खुलते ?


सहारनपुर। कोरोना की तीसरी लहर के बाद बंद किए स्कूलों को लेकर अब अभिभावकों ने स्कूलोें को खोलने के लिए मुहिम आरंभ करदी है। जबकि विवाह समारोह हो या फिर चुनावी बैठकें या रोड शो पर कोई पाबंदी नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन ने स्कूल तो बंद करा दिए लेकिन स्कूलों द्वारा फीस ज्यूं की त्यूं ली जा रही है।

कोरोना की तीनों लहरों में स्कूलों को बंद रहे। हालांकि अभी भी भले ही तीसरी लहर की गति मंद पड़ गई हो लेकिन स्कूल बंद होने से ऑन लाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन बंद लहर में भी स्कूल प्रबंधतंत्र ने ज्यूं की त्यूं फीस अभिभावकों से वसूलने से अभिाभावक खासे नाराज हैं। अभिभावक संघ के अध्यक्ष आरिफ अंसारी का आरोप है कि कोरोना काल में सबसे अधिक नुकसान बच्चों शिक्षा का हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को उचित कदम उठाना चाहिए कि जो स्कूल कोरोना काल में पूरी फीस वसूल रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। उन्होंने प्रशासन से स्कूल खुलवाए जाने की मांग की। सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे राव कारी साजिद ने कहा कि ऑन लाइन पढ़ाई सही प्रकार से नहीं हो रही है। उनके मुताबिक ऑन लाइन पढ़ाई से शिक्षा के स्तर में लगातार कमी आ रही है। इसलिए स्कूलों का खुलना आवश्यक है। खिलेंद्र गांधी और डा. शिबली इकबाल ने कहा कि जब चुनाव में रैलियां और रोड शो हो रहे हैं तो स्कूल क्यों नहीं खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑन लाइन के नाम पर बच्चें पढ़ाई से ज्यादा मोबाइल पर गेम खेलने में लगे रहते हैं। इसलिए बच्चों के भविष्यों को ध्यान रखते हुए शासन-प्रशासन को उचित निर्णय लेना चाहिए।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें पब्लिक न्यूज़ टी वी के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @PublicNewsTV और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @PublicNewsTV पर क्लिक करें।