'कृषि कानूनों' को वापस लेने के एलान के साथ पीएम मोदी के संबोधन की अन्य बड़ी बातें भी पढ़ें
पब्लिक न्यूज डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को संबोधन में एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए पिछले काफी समय से जारी विरोध प्रदर्शन को खत्म करने की अपील करते हुए आज तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा, 'आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को रद करने का फैसला किया है।'
-पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा गया है जब देश ने हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
-देश के छोटे किसानों की चुनौतियों से पार पाने के लिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत पर चौतरफा काम किया।
-हमने किसानों को उचित दर पर बीज उपलब्ध कराने और सूक्ष्म सिंचाई, 22 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी सुविधाएं देने का काम किया। ऐसे कारकों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि में योगदान दिया है। हमने फसल बीमा योजना को मजबूत किया, अधिक किसानों को इसके तहत लाया गया।
-हमारी सरकार किसानों, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम उनकी पूरी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
-किसानों को नहीं समझा पाए। उनमें से केवल एक वर्ग कानूनों का विरोध कर रहा था, लेकिन हम उन्हें शिक्षित करने, सूचित करने का प्रयास करते रहे। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
-हम अपने किसानों को समझाने में सक्षम नहीं बने। यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमने कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। हम कृषि कानूनों को निरस्त कर रहे हैं।
-सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्राप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए।
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