मुख्यमंत्री के कहने पर भाजपा के गुर्जर नेताओं ने हटाया प्रतिमा से गुर्जर शब्द

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मुख्यमंत्री के कहने पर भाजपा के गुर्जर नेताओं ने हटाया प्रतिमा से गुर्जर शब्द

मुख्यमंत्री के कहने पर भाजपा के गुर्जर नेताओं ने हटाया प्रतिमा से गुर्जर शब्द


नोएडा। नॉएडा-दादरी के मिहिर भोज कॉलेज में आयोजित ‘गुर्जर स्वाभिमान महापंचायत’ को रोकने के लिये अलर्ट पुलिस प्रशासन ने शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था । पुलिसकर्मियों के द्वारा वाहन चालकों को रोककर उनसे पूछताछ और चेकिंग की जा रही थी ताकि लोग महापंचायत में न पहुंच सके। अधिकारियों का कहना है कि महापंचायत आयोजन करने की अनुमति नहीं है इसलिये ये आयोजन नहीं करने दिया जायेगा। इस बीच दादरी के चिटहेडा   गांव के मंदिर में गुर्जर महापंचायत के लिए इकट्ठा हुए तो वहाँ भी लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया । इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अब गुर्जर समाज के साथ खड़े हो गए हैं। ट्वीट कर कहा हम हर समाज के मान-सम्मान के साथ हैं!

महापंचायत में शामिल होने पहुंचे सपा नेता राजकुमार भाटी ने जब पुलिस की कार्रवाई के विरोध में दादरी में जाम लगाने का प्रयास किया तो पुलिस ने भाटी और कई अन्य सपा नेताओं को भी हिरासत में लिया। वहीं, पूर्व सांसद और मुज़फ्फरनगर में मीरापुर से बीजेपी विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने कहा कि जो घटनाएं पिछले दिनों घटित हुई हैं इसको लेकर पंचायत में जाना चाहता हूं यहां की पुलिस प्रशासन और सरकार दमन पर उतर आई है हमें रोकना चाहती यह लोकतंत्र के लिए बहुत बुरी बात है  कि यह सरकार जनता और जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाना चाहती है।

ये खबर फैलते ही हजारों की  संख्या में लोग चिटहेड़ा गांव के मंदिर पर पहुँचने लगे वही पुलिस बल भी मौके पर पहुँच  गया लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश के आगे कुछ नहीं कर सका। 

पंचायत में पहुंचे पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर ने कहा कि यहां पर गुर्जर विद्या सभा जो यहां शिक्षा का संचालन करती है, इनके द्वारा मुख्यमंत्री जी को आमंत्रित किया गया था , मूर्ति के अनावरण के लिए मुख्यमंत्री ने समय दे दिया आने का ,लेकिन एक रात पहले गुर्जर विद्या सभा के अध्यक्ष को बीजेपी के  विधायक और राज्यसभा सदस्य धकियाते हुए आए और उन्होंने कहा कि अध्यक्षता मैं करूंगा। यह अपमान हुआ है हमारे अध्यक्ष जी का, हमारी सभा का। उसके बाद मुख्यमंत्री जी आए और कहा कि हमारा समाज विरोध कर रहा है,यह गुर्जर शब्द  हटाओ। यहाँ के दोनों प्रतिनिधियों ने गुर्जर शब्द पर कालिख पोतने का काम किया है। जिससे समाज में आक्रोश व्याप्त है।उन्होंने कहा कि पार्टी में मेरा भविष्य चाहे जो हो लेकिन मैं गुर्जर बिरादरी का सम्मान नहीं गिरने दूँगा ।

इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अब गुर्जर समाज के साथ खड़े हो गए हैं। अखिलेश ने आज ट्वीट कर कहा, ''ये इतिहास में पढ़ाया जाता रहा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर-प्रतिहार थे पर भाजपाइयों ने उनकी जाति ही बदल दी है। निंदनीय! छलवश भाजपा स्थापित ऐतिहासिक तथ्यों से जान-बूझकर छेड़छाड़ व सामाजिक विघटन करके किसी एक पक्ष को अपनी तरफ करती रही है। हम हर समाज के मान-सम्मान के साथ हैं!'

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