नीतीश गए तो क्या होगा लालू यादव का प्लान, क्या तेजस्वी होंगे मुख्यमंत्री?

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नीतीश गए तो क्या होगा लालू यादव का प्लान, क्या तेजस्वी होंगे मुख्यमंत्री?

 नीतीश गए तो क्या होगा लालू यादव का प्लान, क्या तेजस्वी होंगे मुख्यमंत्री? 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया रूख से राज्य में राजनीतिक सस्पेंस बढ़ता जा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया रूख से राज्य में राजनीतिक सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। मौजूदा हालात पर बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू के नेता तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राज्य में सरकार बदलने की भी संभावना जताई जा रही है। बीजेपी इसे इंडिया गठबंधन में फूट बता रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बता रही हैं कि सीएम नीतीश कुमार को राजद सुप्रीमो लालू यादव ने 5 बार फोन कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में फिर लौटने वाले हैं।

वहीं 28 जनवरी को सीएम आवास पर जेडीयू विधायक दल की बैठक भी होनी है। कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे और वर्तमान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए गेम प्लान बनाया है। इसकी वजह यह है कि राज्य में आरजेडी के पास सबसे ज्यादा विधायक हैं। बता दें कि नीतीश कुमार लंबे समय तक बिहार की राजनीति के केंद्र बने हुए हैं। इसकी एक वजह तो उनका लंबा अनुभव है, दूसरा वे राजनीति के बड़े खिलाड़ी हैं। किसी दूसरे गठबंधन में जाने के बावजूद भी उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिससे उनके दोबारा पिछली पार्टी के साथ जाने की संभावना बिल्कुल खत्म हो जाए। बिहार की कुल 243 सदस्यीय विधानसभा में राजद के पास 79 विधायक हैं। बीजेपी के 78 विधायक हैं जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के पास सिर्फ 45 विधायक हैं और वे सीएम बने हुए हैं। नीतीश का सीएम बने रहना आरजेडी को रास नहीं आ रहा है। राज्य में कांग्रेस के 19 विधायक हैं, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) लिबरेशन के 12 विधायक हैं। वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के 4 विधायक हैं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्ससिस्ट के पास 2 विधायक हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पास 1 विधायक है, जबकि एक विधायक निर्दलीय है।

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आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16, एक निर्दलीय, एक एमआईएमआईएम का और हम पार्टी के चार विधायक मिल जाएं तो 120 विधायक हो जाएंगे। राज्य में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत पड़ती है। अगर ऐसा हुआ तो तेजस्वी की पार्टी को बहुमत के लिए सिर्फ 2 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। अगर जेडीयू के कुछ विधायक इस्तीफा देकर पाला बदल लें तो तेजस्वी के सीएम बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि जीतनराम मांझी की पार्टी हम अभी एनडीए के साथ है। बिहार में वर्तमान राजनीतिक स्थिति के बीच भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े दिल्ली से पटना पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा INDI गठबंधन तोड़ो यात्रा है क्या? पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता दीदी को तोड़ा। अब वे नीतीश को तोड़ रहे हैं

बिहार में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि बिहार में जो चल रहा है, मुझे लगता है वो देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। एक तरफ आप अयोध्या के राम की बात करते हैं, रामराज्य की बात करते हो, दूसरी तरफ आप बिहार में पलटूराम (नीतीश कुमार) को साथ लेकर जाना चाहते हो। असली पलटूराम भाजपा के लोग हैं। मंत्री गिरिराज सिंह ने इसपर कहा कि बिहार में 2025 में चुनाव होगा और हमारी सरकार बनेगी। बिहार की जनता भाजपा को 2024 में लोकसभा में और 2025 में बिहार में सरकार बनाने का मौका देगी। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक गतिविधि हो रही है उस पर हम नजर रखे हुए हैं। अभी तो लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को जवाब देना है। भाजपा पूरी गंभीरता से नजर रखे हुए है कि क्या गतिविधि हो रही है, लेकिन इसमें भाजपा का कोई रोल नहीं है।