सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए ज‍िम कॉर्बेट नेशनल पार्क में मुख्‍य क्षेत्रों में टाइगर सफारी पर बैन लगा जानिए मामला

  1. Home
  2. देश

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए ज‍िम कॉर्बेट नेशनल पार्क में मुख्‍य क्षेत्रों में टाइगर सफारी पर बैन लगा जानिए मामला

 सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए ज‍िम कॉर्बेट नेशनल पार्क में मुख्‍य क्षेत्रों में टाइगर सफारी पर बैन लगा जानिए मामला 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए ज‍िम कॉर्बेट नेशनल पार्क में मुख्‍य क्षेत्रों में टाइगर सफारी पर बैन लगा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए ज‍िम कॉर्बेट नेशनल पार्क में मुख्‍य क्षेत्रों में टाइगर सफारी पर बैन लगा द‍िया है। अब नए आदेश के बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क के बफर जोन और नेशनल पार्क के पर‍िधीय क्षेत्र में ही टाइगर सफारी की ही अनुमत‍ि म‍िलेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है क‍ि यह ब‍िल्‍कुल स्‍पष्‍ट है क‍ि नेशनल वाइल्‍डलाइफ कन्‍सरवेशन प्‍लान के तहत यह स्‍पष्‍ट हो गया है क‍ि संरक्ष‍ित क्षेत्रों से आगे बढ़कर वाइल्‍डलाइफ संरक्षण के बारे में सोचना होगा। शीर्ष अदालत ने कॉर्बेट टाइगर र‍िजर्व में अवैध न‍िर्माण और पेड़ काटने को लेकर उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक स‍िंह रावत और तत्‍कालीन वन अध‍िकारी क‍िशन चंद को फटकार लगाई। कोर्ट ने तल्‍ख ट‍िप्‍पणी करते हुए कहा, ‘अफसरों और नेताओं ने म‍िलकर जनता के भरोसे को कूड़ेदान में डाल द‍िया है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा, ‘बाघों के ब‍िना जंगल खत्‍म हो गए और अब जंगलों को सभी टाइगर्स को बचाना चाह‍िए।’ अदालत ने यह भी कहा क‍ि हम टाइगर सफारी की इजाजत दे रहे हैं, लेक‍िन यह सब हमारे न‍िर्देशों के मुताब‍िक रहेगा। इस मामले में यह स्‍पष्‍ट है क‍ि वन मंत्री ने खुद को कानून से ऊपर समझा और यह द‍िखाता है क‍ि कैसे म‍िस्‍टर क‍िशन चंद ने जनता के भरोसे को हवा में उड़ा द‍िया। यह सब द‍िखाता है क‍ि कैसे अफसर और नेता म‍िलकर कानून को अपने हाथों में लेते हैं।

v

 द‍िल्‍ली, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में ED ने कथ‍ित तौर पर वन घोटाले के मामले में 17 जगहों पर छापेमारी की थी। हरक स‍िंह रावत का नाम इस घोटाले से जुड़ा है। इंड‍ियन एक्‍सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ल‍िखा क‍ि रावत के ड‍िफेंस कॉलोनी के अपने न‍िवास और देहरादून के मेड‍िकल कॉलेज में भी छापेमारी हुई थी। 2019 में कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो टाइगर रिजर्व में अवैध न‍िर्माण, व‍ित्तीय अन‍ियम‍ितताओं और हजारों पेड़ों के काटने के मामले में रावत के ख‍िलाफ केस दर्ज हुआ था। रावत जब बीजेपी सरकार में वन मंत्री थे, तब पाखरो टाइगर र‍िजर्व उनका ड्रीम प्रोजेक्‍ट था। 2022 में उत्तराखंड व‍िधानसभा चुनावों से ठीक पहले वह कांग्रेस में शाम‍िल हो गए थे। इससे पहले उन्‍हें मंत्र‍िपद और बीजेपी की सदस्‍यता से छह साल के ल‍िए न‍िलंब‍ित कर द‍िया था।