विजयदशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान- ‘मणिपुर में हिंसा कराई जा रही है…’

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विजयदशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान- ‘मणिपुर में हिंसा कराई जा रही है…’

विजयदशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान- ‘मणिपुर में हिंसा कराई जा रही है…

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के मौके पर नागपुर में एक रैली को संबोधित किया


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के मौके पर नागपुर में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि मणिपुर हिंसा, हिंदू-मुस्लिम और जी20 को लेकर अपने विचार रखे। इस दौरान संघ प्रमुख ने इजराइल-हमास युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि शांति के लिए दुनिया उदाहरण पेश करने और एक नया रास्ता दिखाने के लिए भारत की ओर देख रही है।

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संकटग्रस्त दुनिया उम्मीद कर रही है कि भारत दुनिया की समकालीन जरूरतों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए खुद के मूल्यों के आधार पर एक नई दृष्टि के साथ उभरेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया धार्मिक संप्रदायवाद से उत्पन्न कट्टरता, अहंकार और उन्माद के संकट का सामना कर रही है। यूक्रेन या गाजा पट्टी में युद्धों का कोई भी समाधान नहीं है।

भारत की ओर देख रही है दुनिया

आतंकवाद, शोषण और अधिनायकवाद को कहर बरपाने की खुली छूट मिल रही है। यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि दुनिया अपने अपर्याप्त नजरिए से इन समस्याओं का मुकाबला नहीं कर सकती है। इसलिए दुनिया भारत की ओर उम्मीद से देख रही है कि वह उदाहरण पेश करेगा और एक नया प्रदर्शन करेगा। आरएसएस प्रमुख भागवत ने हिंसा और गुंडागर्दी से लड़ने के लिए समाज में एक संगठित शक्ति बनने का भी आह्वान किया और सरकार को उचित समर्थन देने का आग्रह किया।

सोशल मीडिया पर भड़ाऊ चीजों से बचें

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग करके किए गए भड़काऊ प्रचार और उसके बाद होने वाले आरोपों व प्रत्यारोपों में फंसना या प्रभावित होना ठीक नहीं है। उन्होंने आगे दोहराया कि मीडिया का उपयोग समाज में सच्चाई और सद्भाव का प्रचार करने के लिए किया जाना चाहिए। मणिपुर में हुई हिंसा पर बोलते हुए आरएसएस प्रमुख ने नागरिक समाज से आपसी अविश्वास की खाई को पाटने का आह्वान किया।

कौन थे वे लोग?

उन्होंने कहा कि मणिपुर में जब संघर्ष के दोनों पक्षों के लोग शांति की मांग कर रहे हैं, तो ये कौन सी ताकतें थीं जो उस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठाते ही एक घटना को अंजाम देकर नफरत और हिंसा भड़काने का प्रयास कर रही हैं? संघ प्रमुख ने कहा कि इस गंभीर समस्या को हल करने की जरूरत है। इस जटिल समस्या को हल करने के लिए हमें मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, समवर्ती कार्रवाई और दक्षता की आवश्यकता होगी।

लोकसभा चुनाव 2024 पर भी बात की

मोहन भागवत ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर भी ध्यान केंद्रित किया। कहा कि भावनाओं को भड़काकर वोट काटने की कोशिश वांछनीय नहीं है। आइए हम इन चीजों से बचें, क्योंकि ये समाज की एकता को चोट पहुंचाती हैं। वोट डालना हर नागरिक का कर्तव्य है और हमें इसका पालन करना चाहिए। एकता, अखंडता, पहचान और विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपना वोट डालें।