असद और गुलाम के एनकाउंटर का हुआ रीक्रिएशन, HC के रिटायर्ड जस्टिस को सौंपी है जांच

  1. Home
  2. देश

असद और गुलाम के एनकाउंटर का हुआ रीक्रिएशन, HC के रिटायर्ड जस्टिस को सौंपी है जांच

असद और गुलाम के एनकाउंटर का हुआ रीक्रिएशन, HC के रिटायर्ड जस्टिस को सौंपी है जांच

उत्तर प्रदेश पुलिस मंगलवार को झांसी में बड़ागांव थाना क्षेत्र के परीछा बांध पहुंची


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश पुलिस मंगलवार को झांसी में बड़ागांव थाना क्षेत्र के परीछा बांध पहुंची, जहां माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम का एसटीएफ की मुठभेड़ में एनकाउंटर किया गया था। पुलिस के साथ मानवाधिकार आयोग की टीम भी थी। टीम सदस्यों ने एनकाउंटर का सीन रीक्रिएट किया। डमी असद और गुलाम लाए गए। बाइक गिराकर एनकाउंटर की प्रक्रिया दोहराई गई। टीम ने सभी पहलुओं को जांचा है। उनके पास एफआईआर की कॉपी भी थी।

मानवाधिकार आयोग की टीम करीब दो घंटे वारदात स्थल पर रही। टीम ने असद और गुलाम के भागने के रास्तों को देखा और साथ ही गाड़ी के आने-जाने और असंतुलित होकर गिरने के घटनाक्रम का बारीकी से अध्यन किया। मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में इस मामले की एफआईआर दर्ज की थी।

करीब 30 मिनट चली थी फायरिंग

यूपी एसटीएफ के मुताबिक, मुठभेड़ 13 अप्रैल को दोपहर 12.45 बजे हुई, जब दो टीमों ने कानपुर-झांसी हाईवे पर असद और गुलाम को रोका। दोनों वकील उमेश पाल की हत्या के बाद से दोनों फरार थे। दोनों पर 5-5 लाख का इनाम था।

सुबह करीब 11.30 बजे परीछा बांध मोड़ से 100 मीटर दूर एक बाइक पर दोनों को देखा गया। रुकने और आत्मसमर्पण करने के लिए कहने पर, दोनों आरोपियों ने अपने वाहन को तेज कर दिया और एक संकरी गली में घुस गए। जब घेरा गया तो असद और गुलाम जमीन पर गिर गए और विदेशी हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई की और दोनों ओर से करीब 30 मिनट तक गोलीबारी हुई। पुलिस की जवाबी फायरिंग में असद और गुलाम मारे गए।

15 अप्रैल को अतीक और अशरफ को मारा गया

प्रयागराज में तीन शूटरों ने 15 अप्रैल को असद के पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ को गोली मार दी थी। दोनों को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था, उसी वक्त मीडिया कर्मी बनकर आए लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने उन्हें गोली मार दी। अतीक अहमद को नौ, जबकि अशरफ को पांच गोलियां लगीं थीं। असद, गुलाम, अतीक, अशरफ 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी थे।

योगी सरकार ने जांच के लिए बनाया अयोग

योगी सरकार ने असद और गुलाम की झांसी में हुई मुठभेड़ में हत्या की जांच के लिए दो सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस राजीव लोचन मेहरोत्रा और रिटायर्ड डीजीपी विजय कुमार गुप्ता शामिल हैं। यह आयोग मुठभेड़ के सभी पहलुओं का गौर करेगा।