राम रहीम आया जेल से बाहर

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राम रहीम आया जेल से बाहर

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रिहाई की याचिका राज्य सरकार ने की मंजूर

पब्लिक न्यूज़ डेस्क  

एक बार फिर चुनावों से पहले सिरसा डेरामुखी राम रहीम जेल से बाहर आ गया है। जी हां, उसे प्रदेश सरकार द्वारा 21 दिनों की फरलो दी गई है। वही राम रहीम को फरलो पर रिहाई दिए जाने को हरियाणा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां राम रहीम के समर्थक बहुत सारी सीटों पर उलटफेर करने की क्षमता रखते हैं. माना जा रहा है कि राज्य की BJP सरकार ने सियासी फायदा लेने के लिए राम रहीम को फरलो दी है. इसके चलते राज्य का सियासी पारा फिर से चढ़ने के आसार बन रहे हैं । वही आज सुबह 6.46 बजे मुंहबोली बेटी हनीप्रीत सुनारिया जेल पहुंची और यहां से राम रहीम को लेकर यूपी के बरनावा आश्रम को रवाना हुई। पूरी पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को यूपी लाया गया।

आपको बता दें कि राम रहीम ने जेल से 21 दिन की फरलो पर रिहाई की याचिका राज्य सरकार के पास जून में दाखिल की थी. साथ ही राम रहीम ने फरलो लेने के लिए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट से भी अनुमति मांगी थी. दरअसल राम रहीम को बार-बार फरलो दिए जाने के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी । इसके बाद फरवरी में हाई कोर्ट ने बिना उसकी अनुमति के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को फरलो दिए जाने पर रोक लगा दी थी । अब हाई कोर्ट की अनुमति से ही राम रहीम को फरलो मिली है।

दरअसल डेरामुखी राम रहीम को वर्ष 2017 में साध्वी दुष्कर्म मामले में सजा सुनाई गई थी। इतना ही नहीं, रणजीत हत्याकांड और छत्रपति हत्याकांड में भी सजा हो चुकी है। इस वर्ष की बात की जाए तो 19 जनवरी को सरकार ने रामरहीम को 50 दिन की पैरोल दी थी।

फरलो – परौल में क्या है अंतर ?

दरअसल कैदी को जेल में कुछ वर्ष बिताने के पश्चात जेल मे उसके अच्छे आचरण और अनुशासन को बनाए रखने के लिए, कम समय के लिए छोड़ा जाता है, तो फरलो उस कैदी को प्रदान की जा सकती है जिसे 5 साल से अधिक वर्षों के लिए सख्त सजा दी गई हो और वह दोषसिद्धि के पश्चात तीन साल की सजा काट चुका हो ।
पैरोल एक जेल कैदी की शीघ्र रिहाई का एक रूप है, जहां कैदी अपने नामित पैरोल अधिकारियों के साथ चेक-इन सहित व्यवहार संबंधी शर्तों का पालन करने के लिए सहमत होता है, अन्यथा उन्हें फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है और जेल में वापस किया जा सकता है ।