लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी का भाषण जारी, अडाणी से की शुरुआत

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लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी का भाषण जारी, अडाणी से की शुरुआत

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी का भाषण जारी, अडाणी से की शुरुआत

संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दूसरे दिन राहुल गांधी का लोकसभा में भाषण जारी


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दूसरे दिन राहुल गांधी का लोकसभा में भाषण जारी है। राहुल गांधी ने अडाणी को लेकर अपने भाषण की शुरुआत की। अपनी संसद सदस्यता की बहाली को लेकर उन्होंने स्पीकर ओम बिड़ला को भी धन्यवाद दिया।

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा न डरे, मैं आज अडाणी पर अपना भाषण नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि रूमी ने कहा था कि जो शब्द दिल से आते हैं, वे शब्द दिल में जाते हैं। आज मैं दिमाग नहीं दिल से बोलना चाह रहा हूं। मैं आज आपलोगों पर इतना आक्रमण नहीं करुंगा। मतलब, एक दो गोले जरूर मारुंगा, पर इतना नहीं मारुंगा, आप रिलेक्स कर सकते हैं।

भारत जोड़ो यात्रा का राहुल ने किया जिक्र

राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल 130 दिन के लिए मैं भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक गया। अकेला नहीं, बहुत सारे लोगों के साथ। समुंदर के तट से कश्मीर के बर्फीली पहाड़ी तक चला। नहीं, लद्दाख को नहीं छोड़ा। यात्रा अभी नहीं खत्म हुई। यात्रा जारी है। बहुत सारे लोगों ने मुझसे पूछा कि यात्रा के दौरान, यात्रा के बाद कि राहुल तुम क्यों चल रहे हो? तुम्हारा लक्ष्य क्या है? कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो?

शुरुआत में मुझे, मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैंने ये यात्रा क्यों शुरु की? मैं सोच रहा था कि हिंदुस्तान को समझना चाहता हूं, लोगों से मिलना चाहता हूं। थोड़ी देर में मुझे समझ आने लगी, जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी के जेलों में जाने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैंने हर साल 10 साल तक गाली खाई, उस चीज को समझना चाहता हूं।

ये क्या है, जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे समझना चाहता था। शुरुआत में, जैसे मैंने शुरू किया, सालों से हर रोज आठ दस किलोमीटर दौड़ता हूं। मेरे दिमाग में था, कि 10 किलोमीटर दौड़ सकता हूं, तो 25 किलोमीटर चलने का क्या फायदा? मेरे दिल में उस समय अहंकार था, मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है।

हुआ क्या? दो तीन दिन मेरे घुटने में दर्द शुरु हो गया, हर रोज मैं उठूं और दर्द होता था। पहले दो तीन दिनों में जो अहंकार था, जो भेड़िया निकला था, वो चींटी बन गया। जो हिंदुस्तान को अहंकार से देखने निकला था, वो अहंकार गायब हो गया। रोज मैं डर-डर कर चलता था कि क्या मैं कल चल पाऊंगा। ये मेरे दिल में डर था। और जब भी ये डर बढ़ता था, कहीं न कहीं से कोई न कोई शक्ति मेरी मदद करती थी।

राहुल ने कहा कि एक दिन मैं सह नहीं पा रहा था, एक बच्ची ने मुझे चिट्ठी दी, उसमें लिखा था, मैं आपके साथ चलूंगा, उसने मुझे शक्ति दी। सिर्फ बच्ची ने ही लाखों लोगों ने मुझे शक्ति दी। कोई किसान आता था, मैं उसे अपना बात बताता था, आपको ऐसा करना चाहिए, मगर इतने लोग आए, हजारों लोग आए, कि थोड़ी देर मैं बोल नहीं पाया। एक सन्नाटा सा छा गया। भीड़ की आवाज थी, भारत जोड़़ा, भारत जोड़ो, जो मुझसे बात करता था, उसकी आवाज मैं सुनता गया।

हर रोज सुबह छह बजे से रात सात आठ बजे तक आम आदमी, गरीब, अमीर, बिजनेसमैन, किसान, मजदूर सबकी आवाज थी। ये चलता गया, मैं बात सुनता गया और फिर मेरे पास एक किसान आया और किसान ने हाथ में रुई पकड़ी थी। मेरी आंख में देखकर उसने रूई का बंडल दिया और कहा कि राहुल जी मेरे खेत का यही बचा है, और कुछ नहीं बचा है। मैं उससे जो सवाल पूछता था, बीमा का पैसा मिला? किसान ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा नहीं बीमा का पैसा नहीं मिला।

हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने वो मुझसे छिन लिया, मगर इस बार अजीब चीज हुई, जब मैंने किसान को देखा और वो मुझसे बोल रहा था, जो उसके दिल में दर्द था, वो मेरे दिल में आया। जो उसके आंखों में शर्म थी, वो शर्म मेरी आंखों में आई। जब उसकी जो भूख थी, वो मुझे समझ आई। उसके बाद यात्रा बिलकुल बदल गई। मुझे भीड़ की आवाज नहीं सुनाई देती थी, उसकी आवाज सुनाई देती थी, जो मुझसे बात करता था। उसका दर्द, उसकी चोट, उसका दुख सब मेरा बन गया।

लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई कहता है, अगल-अलग भाषाएं हैं, ये धर्म है, ये सोना है, ये चांदी है, मगर सच्चाई है कि ये देश एक आवाज है। अगर हमें इस आवाज को सुनना है तो हमारे दिल में जो अहंकार है, हमारे जो सपने हैं, उनको हमें परे करना होगा। तब हमें हिंदुस्तान की आवाज सुनाई दी।

कुछ ही दिन पहले मैं मणिपुर गया, पीएम मोदी आज तक नहीं गए, क्योंकि उनके मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, मगर आज की सच्चाई ये है कि मणिपुर नहीं बचा है। मणिपुर को आपने बांट दिया है, तोड़ दिया है। मैं मणिपुर में रिलीफ कैंप में गया। मणिपुर में महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की, जो हमारे पीएम ने आज तक नहीं किया। एक महिला मुझे कहती है, मैंने पूछा- बहन क्या हुआ आपके साथ?

बता दें कि संसद आने से कुछ देर पहले राहुल गांधी 10 जनपथ से बाहर निकले। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पास ही एक दुर्घटनाग्रस्त स्कूटर सवार से बात करने के लिए अपनी कार से उतरे।

लोकसभा में लगातार दूसरे दिन हंगामेदार सत्र होने की उम्मीद है क्योंकि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बहस फिर से शुरू करेगा। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दूसरे दिन संसद में बहाल हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी बोलेंगे। बहस की शुरुआत बुधवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाते हुए की थी कि जो सरकार ‘एक भारत’ की बात करती है, उसने ‘दो मणिपुर’ बनाए हैं।

प्रधानमंत्री मणिपुर पर कब कार्रवाई करेंगे? 

कांग्रेस ने बुधवार को ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि वह मणिपुर पर कब कार्रवाई करेंगे, जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र में भाजपा सरकारों के बीच ‘अविश्वास’ बढ़ रहा है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर पुलिस द्वारा असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद मणिपुर को संवैधानिक मशीनरी के टूटने का सामना करना पड़ रहा है।

बीजेपी पूरी तरह से स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ है: वेणुगोपाल

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बीजेपी और भारत छोड़ो के बीच क्या संबंध है? उनके लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया था। बीजेपी पूरी तरह से स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ है। इसका क्या मतलब है कि वे भारत छोड़ो दिवस पर कुछ कह रहे हैं?

उन्होंने कहा कि ये एक ऐतिहासिक दिन है…हम पीएम मोदी की मौजूदगी में संसद में बहस की मांग कर रहे हैं। पीएम संसद में आ ही नहीं रहे हैं। वे मणिपुर के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। भारत छोड़ो आंदोलन हमें इस सरकार की याद दिलाता है।

बीजेपी का एकमात्र कर्तव्य राहुल गांधी, उनके परिवार को गाली देना है: अधीर रंजन

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा का एक ही काम है। वे देश के बारे में, समाज के बारे में, मणिपुर के बारे में नहीं सोचते। उनका एकमात्र कर्तव्य राहुल गांधी और उनके परिवार को गाली देना है। उन्हें और कुछ नहीं पता। क्या मोदी और उनकी सरकार, उनके सहयोगी राहुल गांधी से इतने डरे हुए हैं? मुझे यह बहुत आश्चर्यजनक लगता है।