PM Modi Gujarat : पुरानी नीतियों पर चलकर देश का भाग्य नहीं बदल सकता, न सफल हो सकता है: PM मोदी

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PM Modi Gujarat : पुरानी नीतियों पर चलकर देश का भाग्य नहीं बदल सकता, न सफल हो सकता है: PM मोदी

PM Modi Gujarat : पुरानी नीतियों पर चलकर देश का भाग्य नहीं बदल सकता, न सफल हो सकता है: PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर में कहा कि पुरानी नीतियों पर चलते हुए


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर में कहा कि पुरानी नीतियों पर चलते हुए, फेल हो चुकी नीतियों पर चलते हुए… न देश का भाग्य बदल सकता है और न ही देश सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों और आज की सरकार के दृष्टिकोण और दृष्टिकोण में बहुत अंतर है। हम वास्तव में गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में आज लगभग 4,400 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए देश का विकास एक Conviction है, commitment है। उन्होंने कहा कि अभी गुजरात में भाजपा की सरकार बने कुछ ही महीने हुए हैं, लेकिन विकास ने जो रफ्तार पकड़ी है उसे देखकर आनंद आ रहा है, एक सुखद अनुभूति हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमारी सरकार हर अभाव को दूर करते हुए, हर गरीब तक खुद पहुंचने का काम कर रही है। लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए हमारी सरकार न जाति देखती है और न ही धर्म देखती है। क्योंकि मैं सोचता हूं कि जहां कोई भेदभाव नहीं है वहीं तो सच्चा secularism है।

अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन को भी किया संबोधित

इससे पहले गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मेरी पहली विदेश यात्रा भूटान की हुई थी और भूटान राज परिवार के सीनियर ने मुझे गर्व से बताया कि मेरी पीढ़ी के जितने लोग भूटान में हैं, उन सब को हिंदुस्तान के शिक्षकों ने पढ़ाया-लिखाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही जब मैं सऊदी अरब गया तो वहां के किंग ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं क्योंकि बचपन में मेरा शिक्षक तुम्हारे देश का था… तुम्हारे गुजरात का था।

पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात में रहते हुए मेरा प्राथमिक शिक्षकों के साथ मिलकर राज्य की पूरी शिक्षा व्यवस्था को बदलने का अनुभव रहा है। एक जमाने में गुजरात में ड्रॉप आउट रेट करीब 40% के आस-पास हुआ करता था और आज 3% से भी कम रह गई है। ये गुजरात के शिक्षकों के सहयोग से ही संभव हुआ है। गुजरात में शिक्षकों के साथ मेरे जो अनुभव रहे, उसने राष्ट्रीय स्तर पर भी नीतियां बनाने में हमारी काफी मदद की है। जैसे- स्कूलों में शौचालय न होने के कारण बड़ी संख्या में बेटियां स्कूल छोड़ देती थीं। इसलिए हमने विशेष अभियान चलाकर स्कूलों में बेटियों के लिए अलग से शौचालय बनवाए।

पीएम मोदी बोले- आज के छात्रों ने शिक्षकों को अपडेट रहने की चुनौती दी

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब शिक्षक संसाधनों और बुनियादी ढांचे की मौजूदा कमी की चुनौती का अनुभव करते थे, न कि छात्रों की ओर से चुनौती का। अब समय आ गया है जब संसाधनों और बुनियादी ढांचे की जरूरत पूरी हो रही है लेकिन छात्रों की जिज्ञासा अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी एक नई चुनौती बन रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज की पीढ़ी के छात्रों की जिज्ञासा, उनका कौतूहल, एक नया चैलेंज लेकर आया है। ये छात्र आत्मविश्वास से भरे हैं, वो निडर हैं। उनका स्वभाव टीचर को चुनौती देता है कि वो शिक्षा के पारंपरिक तौर-तरीकों से बाहर निकलें। छात्रों के पास इन्फॉर्मेशन के अलग-अलग स्रोत हैं। इसने भी शिक्षकों के सामने खुद को अपडेट रखने की चुनौती पेश की है। इन चुनौतियों को एक टीचर कैसे हल करता है, इसी पर हमारी शिक्षा व्यवस्था का भविष्य निर्भर करता है।

उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा तरीका ये है कि इन चुनौतियों को पर्सनल और प्रोफेशन ग्रोथ अवसर के तौर पर देखा जाए। ये चुनौतियां हमें लर्न, अनलर्न और री-लर्न करने का मौका देती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आप सोचते होंगे कि आप गणित, विज्ञान या कोई अन्य विषय पढ़ा रहे हैं, लेकिन छात्र आपसे सिर्फ वो विषय नहीं सीख रहा। वो ये भी सीख रहा है कि अपनी बात कैसे रखनी चाहिए। वो आपसे धैर्य रखने, दूसरों की मदद करने जैसे गुण भी सीख रहा है।

छात्रों के लिए ये महत्वपूर्ण की वे अपना ध्यान केंद्रीत करें: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब इन्फॉर्मेशन की भरमार हो तो छात्रों के लिए ये महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे कैसे अपना ध्यान केंद्रित करे…ऐसे में Deep learning और उसे logical conclusion तक पहुंचाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए 21वीं सदी के छात्र के जीवन में शिक्षक की भूमिका और ज्यादा बृहद हो गई है। उन्होंने कहा कि आज भारत, 21वीं सदी की आधुनिक आवश्कताओं के मुताबिक नई व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ इसी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

हम इतने वर्षों से स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को केवल किताबी ज्ञान दे रहे थे। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ उस पुरानी अप्रासंगिक व्यवस्था को परिवर्तित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के बाद से माता-पिता द्वारा हिंदी को शिक्षा की भाषा के रूप में नजरअंदाज करते हुए अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने की ओर झुकाव शुरू हुआ।

पीएम ने कहा कि लेकिन यह बड़े सौभाग्य की बात है कि आज सरकार मातृभाषा में शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अच्छी तरह से ध्यान दे रही है। यह न केवल हमारी भाषाओं और संस्कृति को मजबूत कर रहा है, बल्कि लाखों शिक्षकों के करियर की संभावनाओं को भी मजबूत कर रहा है।