किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच रविवार को हुई बैठक में MSP पर एक प्रस्ताव रखा, आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या प्रस्ताव रखा और किसान क्या कहा ?

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किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच रविवार को हुई बैठक में MSP पर एक प्रस्ताव रखा, आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या प्रस्ताव रखा और किसान क्या कहा ?

किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच रविवार को हुई बैठक में MSP पर एक प्रस्ताव रखा, आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या प्रस्ताव रखा और किसान क्या कहा ?

किसान आंदोलन का आज 7वां दिन है। दिल्ली-NCR के बॉर्डर अभी भी सील हैं, किसान पंजाब-हरियाणा को जोड़ने वाले


पब्लिक न्यूज़ डेस्क - किसान आंदोलन का आज 7वां दिन है। दिल्ली-NCR के बॉर्डर अभी भी सील हैं। किसान पंजाब-हरियाणा को जोड़ने वाले शंभु बॉर्डर पर डटे हैं। पंजाब-हरियाणा में इंटरनेट 22 फरवरी तक बैन है। शंभु बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव के बाद केंद्र सरकार की किसानों से बातचीत हई।

रविवार शाम को केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई, जिसमें सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के सामने MSP को लेकर एक प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव में दाल, कपास, मक्का को 5 साल के लिए MSP पर खरीदने को कहा गया है। वहीं प्रस्ताव के बारे में बात करते हुए पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम 2 दिन में सोच कर सरकार को अपना फैसला बताएंगे। किसान संगठनों के साथ मिलकर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उनकी सलाह लेंगे। प्रस्ताव पर फैसला आज या कल ले लिया जाएगा।

सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि इन 2 दिन के लिए दिल्ली चलो मार्च टाला जाता है, लेकिन अगर किसान संगठनों में सरकार के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनी तो 21 फरवरी को प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर फैसला लिया जाएगा। हम भी चाहते हैं कि सरकार और किसान संगठनों के साथ मिल-बैठकर समाधान निकाले जाएं। सरकार और किसानों के बीच 18 फरवरी दिन रविवार को चंडीगढ़ में मीटिंग हुई, जिसमें मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल हुए। सरवन पंधेर और जगजीत डल्लेवाल समेत 14 किसान नेता मीटिंग में आए। पंजाब CM भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत खुडि्डयां ने भी मीटिंग में दोनों पक्षों की मध्यस्थता की। रविवार से पहले 8, 12 और 15 फरवरी को भी किसानों और सरकार के बीच मीटिंग हो चुकी है, जो असफल रहीं।वहीं रविवार को हुई मीटिंग के बाद मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बात की और बताया कि सरकार ने सहकारी समितियों NCCF (भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित) और NAFED (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) को MSP पर दालें खरीदने को कहा है। इसके लिए सहकारी समितियां किसानों के साथ 5 साल का करार करेंगी।

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भारतीय कपास निगम (CCI) भी MSP पर किसानों से कपास खरीदने के लिए तैयार है। इसके लिए भी 5 साल का समझौता कराए जाने का प्रस्ताव किसानों को दिया गया है। किसान सरकार के प्रस्ताव पर विचार विमर्श करके फैसला बताएंगे। बैठक में उनके साथ अच्छे माहौल में बातचीत हुई। किसानों का फैसला जानने के बाद ही आगे के कदम उठाए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। किसान अपनी मांगें मनवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डाल रहे हैं। इसके लिए उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का आह्वान किया है, जिसके चलते हजारों किसान पंजाब-हरियाणा में शंभु बॉर्डर पर डटे हैं। किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करे। इसके लिए किसानों ने 12 फरवरी को दिल्ली मार्च शुरू किया था, लेकिन पुलिस जवानों ने उन्हें शंभु बॉर्डर पर रोक दिया, इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच टकराव भी हुआ, लेकिन उन्हें दिल्ली की सीमा तक पहुंचने नहीं दिया।