2 वोट के लिए डबल मर्डर… RJD के पूर्व सांसद को उम्रकैद, जानें पूरा मामला

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2 वोट के लिए डबल मर्डर… RJD के पूर्व सांसद को उम्रकैद, जानें पूरा मामला

2 वोट के लिए डबल मर्डर… RJD के पूर्व सांसद को उम्रकैद, जानें पूरा मामला 

दो वोट के लिए दो हत्या करने वाले राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। दो वोट के लिए दो हत्या करने वाले राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा मामला पहले कभी नहीं देखा है। बता दें कि प्रभुनाथ सिंह 1995 में मशरख में हुए दोहरे हत्याकांड में आरोपी थी। कोर्ट ने 18 अगस्त को उन्हें दोषी करार दिया था और फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दो विकल्प हैं, या तो हम जिंदगी देंगे या फिर मौत देंगे। जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा कि प्रभुनाथ सिंह के वकील से पूछा कि आपके मुवक्किल की उम्र कितनी है? इस पर वकील ने जवाब दिया और बताया कि प्रभुनाथ सिंह 70 साल के हैं। इसके बाद जज ने कहा कि फिर तो भगवान ही मालिक है।

2008 में इसी मामले में पटना कोर्ट ने किया था बरी

इससे पहले 2008 में पटना कोर्ट ने इस मामले में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था। फिर 2012 में पटना हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। पटना कोर्ट और हाई कोर्ट से निराश मृतक के भाई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि प्रभुनाथ सिंह फिलहाल विधायक रहे अशोक सिंह मर्डर केस में झारखंड के हजारीबाग सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

वोट नहीं देने पर दो लोगों की हत्या की थी

बता दें कि 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव हो रहा था। इस दौरान छपरा जिले के के मशरख में एक मतदान केंद्र के पास 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह के कहने के बाद भी उन्हें वोट नहीं दिया था। इस चुनाव में प्रभुनाथ सिंह के प्रतिद्वंदी रहे अशोक सिंह की जीत हुई थी।

चुनाव के नतीजों के बाद प्रभुनाथ सिंह ने नवनिर्वाचित विधायक अशोक सिंह को 90 दिनों के अंदर जान से मारने की धमकी दी थी। ठीक 90वें दिन यानी 3 जुलाई 1995 को अशोक सिंह की हत्या कर दी गयी थी।

प्रभुनाथ सिंह… पहली बार निर्दलीय लड़े, विधायक भी बने

प्रभुनाथ सिंह पहली बार 1985 में निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्हें पहली बार में ही जीत मिली थी। पांच साल बाद यानी 1990 में उन्होंने लालू यादव की पार्टी राजद से चुनाव लड़ा और दोबारा विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 1998, 1999, 2004 और 2013 में महाराजगंज से लोकसभा चुनाव जीते।

प्रभुनाथ सिंह के निशाने पर रहती थीं सोनिया गांधी

प्रभुनाथ सिंह के निशाने पर अक्सर सोनिया गांधी रहती थीं। अप्रैल 2009 में प्रभुनाथ सिंह ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी होने का मामला उठाया था।