नगर निगम और बड़े पालिका वाले शहरों में होगी CM योगी की सभा, तय की गई अन्य नेताओं की भूमिका

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नगर निगम और बड़े पालिका वाले शहरों में होगी CM योगी की सभा, तय की गई अन्य नेताओं की भूमिका

नगर निगम और बड़े पालिका वाले शहरों में होगी CM योगी की सभा, तय की गई अन्य नेताओं की भूमिका

नगर निकाय चुनाव के पहले चरण का नामांकन संपन्न होने के बाद भाजपा अब प्रदेश में चुनावी सभा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। नगर निकाय चुनाव के पहले चरण का नामांकन संपन्न होने के बाद भाजपा अब प्रदेश में चुनावी सभाओं की तैयारी में जुट गई है। पार्टी के रणनीतिकारों ने 20 अप्रैल के बाद से बड़े नेताओं के चुनावी सभा कराने का कार्यक्रम तैयार किया है। इसमें मुख्यमंत्री व दोनों उप मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्र और प्रदेश के मंत्रियों की भी सभा कराई जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय को कार्यक्रम भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही कार्यक्रम कर दिए जाएंगे।

पार्टी की प्रदेश इकाई द्वारा तैयार किए गए कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी नगर निगमों के साथ ही बड़ी नगर पालिका परिषदों वाले शहरों में भी सभा और रैली करेंगे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत अन्य मंत्री और नेता प्रदेश भर में रैली करेंगे। इनके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, केंद्रीय मंत्रियों और प्रदेश के बड़े नेताओं का भी सभा कराने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।

सूत्रों का कहना है कि चुनावी सभाओं में सभी नेता प्रदेश की कानून-व्यवस्था, शहरी विकास, इन्वेस्टर्स समिट की सफलता, रोजगार, पिछड़े व दलितों के हक और अधिकार के संबंध में सरकार के उठाए कदम का मुद्दा उठाएंगे। ताकि आम लोगों तक सरकार के कार्यों की जानकारी पहुंचाई जा सके।

वहीं, चुनाव से संबंधित सभी गतिविधियों पर नजर रखने और नियंत्रण के लिए भाजपा ने प्रदेश मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल खुद कंट्रोल रूम के जरिए चुनाव पर नजर रखेंगे। इनके अलावा प्रदेश महामंत्री संजय राय, उपाध्यक्ष त्रयम्बक त्रिपाठी को भी कंट्रोल रूम के निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।

अब बागियों के मान-मनौव्वल का दौर शुरू

इस बार निकाय चुनाव में भाजपा ने तमाम मौजूदा महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के टिकट काटे हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने बतौर बागी नामांकन किए हैं। लिहाजा इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए भाजपा के नेता ऐसे बागी प्रत्याशियों को मनाने में जुट गए हैं। इसकी जिम्मेदारी सांसद और विधायकों के अलावा संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री को सौंपी गई है। पार्टी के नेता बागियों को मनाने के लिए सरकार और संगठन में समायोजित करने का उनको आश्वासन भी दे रहे हैं। नेताओं की कोशिश है कि 20 अप्रैल को नाम वापसी की अंतिम तिथि है, इससे पहले बागियों को मना लिया जाए।