बिना लाइसेंस कुत्तें टहलाने पर हुआ चालान, नगर निगम की टीम सुबह 5 बजे ही चेकिंग करने पहुंची

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बिना लाइसेंस कुत्तें टहलाने पर हुआ चालान, नगर निगम की टीम सुबह 5 बजे ही चेकिंग करने पहुंची

बिना लाइसेंस कुत्तें टहलाने पर हुआ चालान, नगर निगम की टीम सुबह 5 बजे ही चेकिंग करने पहुंची

 बिना लाइसेंस कुत्ते टहलाने वालों के खिलाफ नगर निगम ने अभियान तेज कर दिया है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क।  बिना लाइसेंस कुत्ते टहलाने वालों के खिलाफ नगर निगम ने अभियान तेज कर दिया है। गुरुवार को नगर निगम की टीम सुबह 5 बजे से चेकिंग अभियान में जुट गई। इस दौरान गोमती नगर , हजरतगंज, गोखले मार्ग समेत शहर के अलग - अलग इलाकों में अभियान चलाया गया। इसमें 11 लोगों ऐसे मिले जिन्होंने अपने पालतू कुत्तें का रजिस्ट्रेशन नगर निगम में नहीं कराया था। इनसे 46 हजार रुपए की वसूली की गई।

इसके बाद कुत्ते के मालिक को रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा 5000 रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है। शहर में 8 से 10 हजार लोग ऐसे हैं, जिनके यहां कुत्ते या बिल्ली पाले जाते हैं।

6000 लोगों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन

नगर निगम के डाटा के अनुसार, अभी तक 2000 लोगों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। शेष करीब 6000 से हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन कुत्ते को घर में रखे हुए हैं। शहर के सभी इलाकों में अभियान तेज किया जाएगा। सभी जोन में इसको सख्ती से चलाया जाएगा। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त एके राव और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अभिनव वर्मा पने ने बताया कि टीम सुबह जा रही है। पहले दिन 11 लोगों से जुर्माना वसूला गया है।

2020 तक पांच हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था

नगर निगम में कोविड से पहले यानी 2020 तक करीब पांच हजार लोगों ने अपने पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन कराया था। कोविड के बाद इसकी संख्या कम हुई है। लॉकडाउन के दौरान रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। ऐसे में पिछले साल के जिन लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उसके खिलाफ सबसे पहले अभियान चलाया जाएगा।

शहर में 8000 से ज्यादा पालतू जानवर

नगर निगम का अनुमान है कि शहर में आठ हजार से ज्यादा पालतू जानवर हैं। मगर, अभी 50 से 60 फीसदी लोग ही अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। इसकी वजह से नगर निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचता है। पिछले दो साल में सख्ती के बाद संख्या बढ़ी है। तीन साल पहले तक तीन हजार लोग ही रजिस्ट्रेशन करवाते थे।

काटने की स्थिति में मालिक पर होगा मुकदमा

अगर आपने कोई पालतू जानवर रखा है। नगर निगम में उसका रजिस्ट्रेशन नहीं है और उसने किसी को काट लिया, तो मालिक पर मुकदमा दर्ज हो जाता है। नगर निगम में रजिस्ट्रेशन है, तो आप मुकदमेबाजी और इस तरह के कानूनी पचड़े से भी बच सकते हैं। मौजूदा समय देसी कुत्ते के 200 और विदेशी नस्ल के लिए 1000 रुपए का रजिस्ट्रेशन फीस देना होता है।