नीट परीक्षा 2024 में कथित गड़बड़ियां सामने आने के बाद केंद्र सरकार पेपर लीक पर बनाए गए सख्त कानून, पेपर लीक आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस जानिए

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नीट परीक्षा 2024 में कथित गड़बड़ियां सामने आने के बाद केंद्र सरकार पेपर लीक पर बनाए गए सख्त कानून, पेपर लीक आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस जानिए

नीट परीक्षा 2024 में कथित गड़बड़ियां सामने आने के बाद केंद्र सरकार पेपर लीक पर बनाए गए सख्त कानून, पेपर लीक आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस जानिए 

NEET 2024 में पेपर लीक मामले की जांच कर रही EOU को बड़ी सफलता हाथ लगी है आरोपियों ने कबूल कर लिया है कि


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- NEET 2024 में पेपर लीक मामले की जांच कर रही EOU को बड़ी सफलता हाथ लगी है। आरोपियों ने कबूल कर लिया है कि उन्होंने नीट 2024 का पेपर लीक किया था। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले क्या सरकार परीक्षा रद्द कर देगी। ऐसे में आइये जानते हैं पुलिस को इस मामले में सबसे पहली अहम जानकारी कैसे मिली? 5 मई को नीट की परीक्षा शुरू होने से 3 घंटे पहले मुखबिर ने पटना पुलिस को जानकारी दी कि नीट परीक्षा में नकल कराने के लिए 4 युवक एक घर में छिपे हैं। इसके बाद हरकत में आई पटना के शास्त्री नगर पुलिस थाने की टीम ने 4 संदिग्ध युवकों को पकड़ लिया। इसके बाद चारों युवक पुलिस की टीम को उस जगह पर ले गए जहां पर 30 नीट उम्मीदवारों से उनकी मुलाकात हुई थी। सभी उम्मीदवारों ने परीक्षा में पास कराने के लिए 30 से 50 लाख रुपए का भुगतान करना तय किया था। चारों युवकों ने पूछताछ में बताया कि सभी उम्मीदवारों को नीट के पेपर हल कराने के लिए सभी उत्तर याद कराए गए थे। इसके लिए पटना के आउटर एरिया में कृष्ण नगर में एक घर किराए पर लिया गया।

ईओयू से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह राज्यों में फैला एक नेटवर्क है। हमें सभी अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए समय चाहिए। पटना में गिरफ्तार किए गए चारों लोगों को रात भर छात्रों को उत्तर याद कराने और उन्हें उनके निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर छोड़ने का काम सौंपा गया था। वहीं इस मामले में शास्त्री नगर थाने के एसएचओ ने कहा कि अजय कुमार ने कहा कि सूचना सटीक निकली। हमने मामले पर कड़ी मेहनत की और हर सुराग को एक साथ जोड़ा। परिणाम सबके सामने हैं, हालांकि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद की गई छापेमारी के दौरान, पुलिस को सेफ हाउस में 13 रोल नंबर मिले। एक घंटे के भीतर, कई टीमें NEET परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गईं। चार उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों से पकड़ा गया और उनसे पूछताछ के बाद, पुलिस को दानापुर नगर परिषद में एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर, यादवेंदु सहित 9 और नामों की जानकारी हुई। यादवेंदु ने कथित तौर पर 4 मई को उम्मीदवारों को याद करने के लिए प्रश्नपत्र और उत्तर दिए। 6 मई को, पुलिस ने यादवेंदु के फ्लैट से जले हुए प्रश्नपत्र बरामद किए। अगले दिन, कुछ उम्मीदवारों के माता-पिता सहित 13 लोगों को हिरासत में लिया गया। 11 मई को मामला ईओयू को सौंप दिया गया। ईओयू यूनिट के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों को जांच का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया। गिरफ्तार छात्रों में से एक दानापुर के 19 वर्षीय छात्र, यादवेंदु के भतीजे ने कबूल किया कि परीक्षा से एक दिन पहले उसे भी वही प्रश्न मिले थे और वे प्रश्न वही थे जिनका उसने परीक्षा केंद्र पर उत्तर दिया था। उसने कहा कि परीक्षा में पास कराने के लिए 30 से 40 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। तब से, हमने कोचिंग संस्थान के मालिकों, शिक्षकों और कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है, जो कथित तौर पर इस रैकेट में शामिल थे।यादवेंदु और पेपर लीक के पीछे कथित तौर पर शामिल दो अन्य नीतीश कुमार और अमित आनंद ने लीक की बात कबूल की। ​​पुलिस ने कहा कि छात्र अपने चाचा द्वारा व्यवस्थित एनएचएआई गेस्ट हाउस में कुछ दिनों तक रुका था। उसके बाद वह घर चला गया। अमित और नीतीश को परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को हजारीबाग के एक नीट परीक्षा केंद्र से उनके व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र प्राप्त हुए।

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एक अधिकारी ने कहा, नीट पेपर्स की फोटोकॉपी अभ्यर्थियों को दी गई और उन्हें उत्तर याद करने के लिए कहा गया। डुप्लीकेट प्रश्नपत्रों को सुबह बाद में इकट्ठा कर जला दिया गया। एक 22 वर्षीय अभ्यर्थी ने पुलिस को बताया कि उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न मिले थे, लेकिन वह रसायन विज्ञान के उत्तर याद करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दे सका। छापेमारी के दौरान पुलिस ने आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की है।