ओमिक्रोन से बचने के लिए ट्रैवल बैन लगाना नहीं सही उपाय - WHO

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ओमिक्रोन से बचने के लिए ट्रैवल बैन लगाना नहीं सही उपाय - WHO

ओमिक्रोन से बचने के लिए ट्रैवल बैन लगाना नहीं सही उपाय - WHO


विदेश। दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर जहां एक तरफ पूरी दुनिया सर्तक है और इसकी रोकथाम के उपाय करने में लगी है, वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन इन उपायों से नाखुश नजर आ रहा है। दरअसल, ओमिक्रोन वैरिएंट के मद्देनजर कई देश अफ्रीकी देशों समेत कुछ अन्‍य देशों को ट्रैवल बैन की सूची में डाल चुके हैं। इन देशों के इसी फैसले से विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन दुखी है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का कहना है कि ट्रैवल बैन करने से समस्‍या को रोका नहीं जा सकता है। इससे लोगों की खासतौर पर गरीब देशों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। लोग फिर से बेरोजगारी समेत दूसरी कई चीजों के जोखिम को सहने को मजबूर हो जाएंगे। इस फैसले से लोगों के ऊपर दबाव बढ़ जाएगा। पहले से ही वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था काफी दबाव का सामना कर रह है। 

डब्‍ल्‍यूएचओ की वेबसाइट पर मौजूद इंटरनेशनल ट्रैवल एडवाइस फार कोविड-19 ओमिक्रोन वैरिएंट में कहा गया है कि ट्रैवल बैन करने से विश्‍व की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। बेहतर होगा कि विभिन्‍न देश ट्रैवल बैन न करके इस वैरिएंट की रोकथाम के लिए दूसरे उपाय करें। वैरिएंट की जीनोम सिक्‍वेंसिंग और अपडेट डाटा के जरिए भी इसको रोकने में मदद मिल सकती है। इससे इस वैरिएंट के प्रभाव और मौजूदा स्‍वरूप को भी समझने में मदद मिल सकेगी।

बता दें कि ओमिक्रोन का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। इसके बाद से अब तक ये दुनिया के करीब दस देशों में फैल चुका है। पूरा विश्‍व इसको लेकर काफी सचेत भी है और डरा भी हुआ है। कहा जा रहा  कि इसके संक्रमण की रफ्तार डेल्‍टा वैरिएंट से कहीं अधिक है। हालांकि मौजूदा वैक्‍सीन पर इस वैरिएंट का क्‍या असर होगा, इसकी जांच जारी है।  

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