पर्वतारोही शीतल को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवा

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पर्वतारोही शीतल को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवा

पर्वतारोही शीतल को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवा


नैनीताल। विश्व की सबसे ऊंची पर्वतचोटी एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही शीतल राज को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2021 से नवाजा जाएगा। 13 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द शीतल को यह अवार्ड प्रदान करेंगे। मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव निवासी 25 वर्षीय शीतल कुमाऊं मंडल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अनुभाग में कार्यरत हैं। इससे पहले वर्ष 2018 में शीतल ने 8586 मीटर ऊंची माउंट कंचनजंघा चोटी पर आरोहण किया।

वर्ष 2019 में उसने माउंट एवरेस्ट फतह किया। यह सफलता हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं। शीतल ने 7075 मीटर ऊंची सतोपंत, 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल समेत कई चोटियां फतह कर ली हैं। उत्तराखंड की बेटी का जुनून ही था कि उसने 15 अगस्त 2021 में उसने यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्बु्रस चोटी पर भारतीय झंडा फहरा फहराया। तीलू रौतेली पुरस्कार हासिल करने वाली इस पर्वतारोही को अब भारत सरकार का सर्वोच्च साहसिक सम्मान तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड 2021 मिलने जा रहा है।

केएमवीएन के महाप्रबंधक एपी बाजपेयी ने बताया कि उत्तराखंड की बेटी को यह पुरस्कार मिलना बड़ी उपलब्धि है। वह यह पुरस्कार हासिल करने वाली उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही है। नैनीताल के डीएम धीराज गब्र्याल का कहना है कि होनहार लड़की की उपलब्धि से उत्तराखंड का नाम रोशन हुआ। इस तरह के पुरस्कार से अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा मिलेगी।

शीतल ने कहा कि जब वह कक्षा दो में पढ़ती थी। अपनी मां के साथ जंगल जाया जा करती थी। तभी से वह ऊंची चोटियों पर चढऩे लगी थी। इसी शौक के चलते लोगों ने प्रेरित किया। इसके बाद मुझे भी अच्छा लगने लगा। मैंने भी पर्वतारोहण को ही लक्ष्य बना लिया।

पिथौरागढ़ निवासी शीतल के पिता उमा शंकर राज पिथौरागढ़ में टैक्सी चलाते हैं और मां गृहणी हैं।

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