जर्जर स्कूल में नहीं आ रहे छात्र, शिक्षक कर रहे ड्यूटी

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जर्जर स्कूल में नहीं आ रहे छात्र, शिक्षक कर रहे ड्यूटी

जर्जर स्कूल में नहीं आ रहे छात्र, शिक्षक कर रहे ड्यूटी


मुजफ्फरनगर। शिक्षा विभाग की लापरवाही और सरकार की अनदेखी से भगवती जूनियर हाईस्कूल के जर्जर भवन की सूरत नहीं बदली है। बच्चे स्कूल नहीं आ रहे है। वे घर पर ही पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। शिक्षक बिना बच्चों के ड्यूटी कर रहे हैं। शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से अन्य विद्यालय में समायोजन की मांग की, पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विद्यालय की मरम्मत भी नहीं कराई जा रही है।

उत्तर प्रदेश में कायाकल्प के तहत स्कूलों को आकर्षक बनाने के लिए मूलभूत सुविधा मुहैया कराई गई है। कस्बे के गली घंटाघर में भगवती जूनियर हाईस्कूल उससे अछूता है। उसका भवन जर्जर हालत में है। भवन की दीवारे, छतें और फर्श जर्जर हालत में है। छत का मलबा टूटकर गिरता रहता है। स्कूल करीब सौ वर्ष से अधिक पुराना है। लगभग 120 बच्चों का पंजीकरण है। अनलाक में सभी विद्यालयों को शिक्षण कार्य के लिए खोल दिया गया हैं। बच्चों की पढ़ाई चल रही हैं, लेकिन भगवती जूनियर हाईस्कूल के जर्जर भवन के कारण बच्चे स्कूल नहीं आ रहे है। वे घर पर ही पढ़ाई करने को मजबूर है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सर्वे में स्कूल भवन के वर्षों पुराना और जर्जर अवस्था होने के कारण शिक्षण कार्य के लिए असुरक्षित मना है। शिक्षक बिना बच्चों के स्कूल में ड्यूटी का निर्वहन कर रहे है। प्रधानाचार्य रामअवतार का कहना है कि स्कूल का भवन सौ वर्ष से अधिक पुराना है। शिक्षा विभाग सहित अन्य अधिकारियों से स्कूल के भवन की मरम्मत या अन्य स्कूल में समायोजन की मांग की गई, पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी। स्कूल की मरम्मत या समायोजन के लिए मुख्यमंत्री के पोर्टल भी शिकायत की है। उनके अलावा सहायक अध्यापक अशोक कुमार, सविता मलिक व लिपिक जगपाल प्रतिदिन स्कूल आते है। दो साल से स्कूल में बिजली की व्यवस्था भी नहीं है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि बिना बच्चों के स्कूल में शिक्षण कार्य नहीं चल रहा है। बच्चों के भविष्य को देखते अन्य स्कूल में समायोजन किया जाए। जिससे शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चले सके। उधर, प्रबंधक सुबोध अग्रवाल का कहना है कि विद्यालय के भवन को जर्जर होने के कारण बच्चों की पढ़ाई के लिए असुरक्षित माना गया है।

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