जानिए वक्री बुध का राशियों पर क्या होगा प्रभाव

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जानिए वक्री बुध का राशियों पर क्या होगा प्रभाव

जानिए वक्री बुध का राशियों पर क्या होगा प्रभाव


पब्लिक न्यूज डेस्क। बुध का प्रभाव व्यक्ति को बुद्धि में निपुणता प्रदान करता है. वनस्पतियों और जीवों को भी प्रभावित करता है. तुला राशि में वक्री बुध जब 27 सितंबर को वक्री होगा, तो यह अवधि कुछ राशियों के जातकों के लिए महत्वपूर्ण होगी और दूसरी ओर कुछ राशियों के जातकों के लिए राहत लेकर आ सकती है. इस समय पर मिथुन और कन्या राशि के जातकों पर मुख्य रुप से दिखाई देगा क्योंकि ये दोनों राशियां बुध की ही राशि हैं. तुला राशि पर भी इसका प्रभाव होगा क्योंकि वर्तमान में बुध तुला राशि में गोचर कर रहे हैं. इन को बुध की स्थिति से सावधान रहने की आवश्यकता है. बुध की स्थिति मौसम में बदलाव को भी दर्शाता है वनस्पतियों पर भी इसका प्रभाव होगा. सामाजिक रूप से काम में बदलाव देखे जा सकते हैं. आक्रामकता और बेचैनी में वृद्धि हो सकती है. जल्दबाजी में फैसले लिए जा सकते हैं. भ्रम की स्थिति बनी रह सकती है. कुछ समय के लिए बुध ग्रह के शुभ प्रभाव में कमी आ सकती है. बुध के वक्री होने के कारण बौध्दिकता और विचारों में बदलाव के साथ साथ संचार से जुड़े कार्यों में भी कुछ् न कुछ बदलाव जरुर होगा. इस समय पर छात्रों के लिए एकाग्रता की कमी उन्हें परिशान कर सकती है ओर इस समय पर शोध कार्यों में समय भी लग सकता है. चूंकि बुध सीमित समय के लिए वक्री होगा, इसलिए दुष्प्रभाव भी सीमित होंगे. बुध से संबंधित उपाय उस अवधि में करना चाहिए जिस अवधि में बुध वक्री होता है इसके द्वारा सकारतमक परिणाम मिल पाते हैं.

बुध का प्रभाव धीमा होगा

बुध के वक्री होने के कारण बुध द्वारा शासित सभी तत्वों में गिरावट स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. इस अवधि में बुद्धि से जुड़े कार्य धीमे होंगे. शिक्षकों, लेखकों और मीडियाकर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. समाज की बुद्धिजीवियों में भी असंतोष का भाव देखने को मिलेगा।

जानिए कैसे बुध ग्रह आपकी राशि पर प्रभाव डालेगा

सभी राशियों पर बुध ग्रह का प्रभाव देखने को मिलेगा. जिन लोगों के लिए बुध बहुत महत्वपूर्ण है वे सभी सीधे प्रभावित होंगे. जिन लोगों की कुंडली में बुध अनुकूल नहीं है, उन्हें बुध परेशानी दे सकता है. खराब या कमजोर बुध उनकी आय, प्रतिभा और अन्य चीजों को प्रभावित करेगा. बुध से मानसिक और त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं. कमजोर बुध दोधारी तलवार के समान है. जिन लोगों का बुध मजबूत होता है, उन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ सकता है लेकिन फिर भी उन्हें कई बातों का ध्यान रखना होगा.

इन राशियों को रहना होगा संभल कर

मिथुन और कन्या राशि के जातकों को इस अवधि में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि बुध इन दो राशियों का स्वामी है. वहीं बुध के तुला राशि में आने के कारण तुला राशि वालों को भी सावधान रहने की जरूरत है. सिंह को भी परेशानी हो सकती है. बुध के अशुभ प्रभाव से आय संबंधी समस्याएं और आर्थिक परेशानी हो सकती है. संक्रमण और बीमारियों से पीड़ित हो सकता है.

बुध ग्रह के उपाय

बुध गोचर में वक्री हो या किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर हो तो यह इन दोनों स्थितियों में समान प्रभाव डालता है. बुध हमारी वाणी, त्वचा और हमारी मानसिकता का प्रतिनिधित्व करता है. यह व्यक्ति की दक्षता और प्रभावशीलता को दर्शाता है. यदि कुंडली में बुध वक्री हो तो इसके कारण कई प्रकार के दोष उत्पन्न हो सकते हैं.

कुण्डली में स्थित बुध ग्रह के कारण वाणी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जैसे धीमी वाणी, हकलाना, बोलने में आत्मविश्वास की कमी, भारी वाणी आदि. वहीं जब बुध गोचर में अस्त हो तो यह किसी के संचार कौशल, व्यवसाय, आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, इस दौरान त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए बुध से संबंधित उपाय करना जरूरी है. बुध के उपाय करने से ये दोष शांत होते हैं.

इस समय सबसे प्रभावी उपाय बुध के मंत्रों का जाप करना माना जाता है. बुध को मजबूत करने के लिए निम्न बुध बीज मंत्र "ऊँ बुधाय नमः" का जाप करना चाहिए. इसके अलावा विष्णु सहस्रनाम आदि का पाठ करना भी शुभ होता है.

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