कृषि कानूनों पर छठे दौर की वार्ता से पहले गृह मंत्री के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक

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कृषि कानूनों पर छठे दौर की वार्ता से पहले गृह मंत्री के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक

कृषि कानूनों पर छठे दौर की वार्ता से पहले गृह मंत्री के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक


नई दिल्ली - कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गतिरोध समाप्त करने के प्रयासों के तहत किसान नेताओं के एक समूह से मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक, 13 किसान नेताओं को राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्लाह, शिव कुमार कक्का जी, बलवीर सिंह राजेवाल,रुलदू सिंह मानसा, मंजीत सिंह राय,बूटा सिंह बुर्जगिल,हरिंदर सिंह लखोवाल,दर्शन पाल,कुलवंत सिंह संधू, बोध सिंह मानसा, जगजीत सिंह धल्लेवाल आदि नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था। बैठक रात आठ बजे आरंभ हुई।

किसान नेताओं में आठ पंजाब से थे जबकि पांच देश भर के अन्य किसान संगठनों से संबंधित थे। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के 13वें दिन मंगलवार को किसानों ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था । लगभग 20 राजनीतिक दलों के साथ कुछ मजदूर संघों ने भी किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। हालांकि किसान नेताओं ने कहा है कि किसी को भी बंद में शामिल होने के लिये बाध्य नहीं किया जाएगा। इस बीच 13 किसान नेताओं के साथ गृह मंत्री शाह की मुलाकात की। 

कल सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा हम अपने लोगों से बात कर रहे हैं, कि कहां बैठक होनी है?  बैठक जहां भी होगी हम वहीं जाएंगे।

 हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कल बैठक होने वाली है। मगर मैं सरकार से आग्रह करूंगा कि किसानों की बात माने क्योंकि उनकी मांग जायज़ है।
 
वही किसान नेता आरएस मानसा ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम आज की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह से केवल ‘हां’ या ना  में जवाब देने को कहेंगे। दिल्ली के सिंघू बार्डर पर हजारों की संख्या में किसान पिछले 12 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं  13 किसानों के प्रतिनिधिमंडल की गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत हो रही है।  
 
पंजाब किसान यूनियन नेता आरएस मंशा ने कहा कि हम दिल्ली-हरियाणा के लिए नहीं खड़ी समस्या खड़ी करना चाहते हैं। हमें रामलीला ग्राउंड में प्रदर्शन की इजाजत दे देनी चाहिए। किसान नेताओं ने कहा कि हम बुराड़ी नहीं जाना चाहते हैं । हमें रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन की इजाजत दी जाए क्योंकि हम दिल्ली और हरियाणा के लोगों को परेशान नहीं करना चाहते। इसलिए हम लोग सरकार से आग्रह करते है कि हमें रामलीला ग्राउंड में जाने की  अनुमति दी जाये। 
 

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