जन्मकुंडली के बिना भी जान सकते है कब होगा विवाह, देखें प्रश्न कुंडली के बारे में

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जन्मकुंडली के बिना भी जान सकते है कब होगा विवाह, देखें प्रश्न कुंडली के बारे में

जन्मकुंडली के बिना भी जान सकते है कब होगा विवाह, देखें  प्रश्न कुंडली के बारे में

जब कोई व्यक्ति अपने विवाह से जुड़ा प्रश्न जानने की इच्छा रखता


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। जब कोई व्यक्ति अपने विवाह से जुड़ा प्रश्न जानने की इच्छा रखता हो और उसके पास उसकी कुंडली नहीं हो तो प्रश्न कुंडली का सहारा लिया जाता है। यानी कि जब आपने सवाल पूछा तो उस समय की जो भी कुंडली होती है वही प्रश्न कुंडली कहलाती है। ज्योतिष शास्त्र में प्रश्न कुंडली का भी बड़ा महत्व होता है। कई जातकों को अपनी जन्मतिथि, जन्म समय या जन्म स्थान सही-सही ज्ञात नहीं होता है, ऐसे में उनके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न कुंडली ही एकमात्र साधन होता है। प्रश्न कुंडली का मुख्यत: उपयोग किसी तात्कालिक प्रश्न का उत्तर जानने के लिए किया जाता है। अब एक ज्योतिषी प्रश्न कुंडली के माध्यम से कैसे आपके विवाह के सवाल का जवाब देता है आइए जानते हैं। 

अगर लड़के का प्रश्न है और शनि सम भाव यानी कि दूसरे,चौथे, छठे, आठवें, दशवें और बारहवें भाव में हो तो लड़के का विवाह जल्दी होगा ऐसा कहा जाता है। 
अगर लड़की का प्रश्न है और शनि विषम भावों में विराजमान हो तो लड़की का जल्दी विवाह होगा ऐसा कहा जाता है। 

प्रश्न कुंडली में जो सप्तम का स्वामी है अगर वो शुभ स्थान में विराजमान है या किसी उच्च के ग्रह के साथ बैठा हो तो शादी के बाद समृद्धि मिलेगी ऐसा कहा जाता है। 

अगर प्रश्न कुंडली में तीसरे, पांचवे, सातवें और ग्यारहवें भाव में चंद्रमा हो और वो गुरु के द्वारा देखा जाता हो तो जातक का जल्दी विवाह होगा ऐसा कहा जाना चाहिए।
 
बुध, गुरु, शुक्र और चन्द्रमा ये शुभ ग्रह माने गए है। अगर जातक की प्रश्न कुंडली में ये ग्रह शुभ भावों में बलवान होकर विराजमान हो तो जातक का विवाह बिना किसी विघ्न के पूर्ण होता है। 

सूर्य, शनि, मंगल, राहु और केतु ये अशुभ ग्रह है। जब प्रश्न कुंडली में इनका संबंध लग्नेश, पंचमेश, सप्तमेश से हो रहा हो तो जातक के विवाह में देरी होगी ऐसा कथन करना चाहिए। 

अगर प्रश्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी और शुक्र दोनों में से कोई एक भी तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में हों तो जातक की विवाह के बाद बढ़िया पैसा और तरक्की मिलती है।

अगर अष्टम भाव का स्वामी सप्तम भाव के स्वामी के साथ हो या दृष्टि डाल रहा हो तो जातक के मन का जीवनसाथी उसे नहीं मिलता। अगर प्रेम विवाह के बारे में प्रश्न हो और यह स्थिति हो तो सीधे मना कर देना चाहिए।