ज्येष्ठ अमावस्या पर है शनि जयंती, इन उपायों से मिट जाएंगे दुःख

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ज्येष्ठ अमावस्या पर है शनि जयंती, इन उपायों से मिट जाएंगे दुःख

ज्येष्ठ अमावस्या पर है शनि जयंती, इन उपायों से मिट जाएंगे दुःख 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्यपुत्र शनि का जन्म हुआ था। 


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्यपुत्र शनि का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ माह की अमावस्या 19 मई 2023 को आ रही है। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं जिनमें आप सभी मांगलिक एवं धार्मिक कार्य कर सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार इस दिन चन्द्रमा मेष राशि में गुरु के साथ मिलकर गजकेसरी योग बना रहा है। साथ ही शनि भी स्वराशि कुंभ में विराजमाज है जिससे शश योग का निर्माण हो रहा है। इस प्रकार शनि जयंती पर गजकेसरी, शश और शोभन योग बन रहे हैं। ये सभी योग अत्यन्त शुभ है। यदि इस शनि जयंती पर कुछ आसान से उपाय कर लिए जाए तो शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती तथा महादशा के कारण मिलने वाले प्रतिकूल प्रभाव समाप्त हो सकते हैं। जानिए शनि के इन उपायों के बारे में

शनि जयंती पर करें ये उपाय

शनि जयंती को सायंकाल पीपल के वृक्ष के नजदीक सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि के मंत्र का जप करें। इससे शनि के दुष्ट प्रभाव कम होंगे।
इस दिन हनुमान मंदिर में जाकर संपुट देते हुए सुंदरकांड का पाठ करें। इससे भी शनि के समस्त नेगेटिव इफेक्ट खत्म होकर शुभ फल मिलने लगेंगे।
शनि जयंती पर ही ज्येष्ठ अमावस्या भी है। इसलिए यदि इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण तथा पिंड दान किया जाए तो पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है।
यदि इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाए तो व्यक्ति के समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं तथा सौभाग्य प्राप्त होता है।