हरियाली तीज पर गौरी-महादेव की पूजा से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान

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हरियाली तीज पर गौरी-महादेव की पूजा से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान

हरियाली तीज पर गौरी-महादेव की पूजा से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान

आज देशभर में हरियाली तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है



पब्लिक न्यूज़ डेस्क। आज देशभर में हरियाली तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाला ये त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। इस दिन सुहागिनें अखंड सौभाग्य की प्राप्ती के लिए निर्जल व्रत करती हैं और सोलह श्रृंगार कर गौरी शंकर की पूजा करती हैं। सुहागिनें पति की लंबी आयु और घर में सुख समृद्धि की कामना के लिए जबकि कुंवारी महिलाएं मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती की कठिन तपस्या और पूजा के बाद हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था।

हरियाली तीज के दिन सुहागिनें निर्जल व्रत करती हैं और गौरी शंकर की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा करती हैं इस दिन हरें रंग का खास महत्व होता है। दरअसल हरा रंग भगवान शिव को काफी प्रिय है। इसी के साथ ये रंग सुहाग का प्रतीक भी है। ऐसे में सुहागिनें इस दिन हरें रंग की चूड़ियां कपड़े पहनती हैं और सोलह श्रृंगार कर पूजा करती हैं। इस दिन तीज के गीत गाए जाते हैं और झूला भी झूले जाते हैं। इस साल हरियाली तीज बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा।

क्या है तीन संयोग?

हरियाली तीज के दिन सिद्ध योग, बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है। वहीं पूजा के लिए भी तीन शुभ मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट तक, दूसरा मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शाम 5 बजकर 19 मिनट तक और तीसरा मुहूर्त शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

कई सुहागिन महिलाएं इस साल पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखेंगी ऐसे में गौरी शंकर की पूजा से जुड़ी कुछ बातें जानना बहुत जरूरी हैं जो आपके लिए काफी मददगार साबित होंगीकई सुहागिन महिलाएं इस साल पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखेंगी। ऐसे में गौरी शंकर की पूजा से जुड़ी कुछ बातें जानना बहुत जरूरी हैं जो आपके लिए काफी मददगार साबित होंगी।

इन पांच बातों का जरूर रखें ध्यान

हरियाली तीज के दिन सबसे पहले माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उन्हें रेशमी वस्त्र पहनाएं जाते हैं और गहनों से सजाया जाता है।
हरियाली तीज का व्रत का निर्जल होता है। इस दिन सोलह श्रृंगार किया जाता है. श्रृंगार का सारा समान मायके से आता है।
हरियाली तीज के दिन नवविवाहित महिलाएं मायके जाती हैं और वहीं त्योहार मनाती हैं। इस दिन हरे रंग के कपड़े और आभूषण पहनने का महत्व है। इस दिन मेहंदी लगवाना भी बेहद शुभ माना जाता है।
इस बात का ध्यान रखें की माता पार्वती की प्रतिमा अर्धगोले आकार की बननी चाहिए और पूजा के स्थान पर प्रतिमा को बीच में रखना चाहिए। माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा भी बनाई जाती है।
इस दिन हरियाली तीज की कथा का भी विशेष महत्व है. इसके बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती।