घर में इन स्थानों पर होता है पितृ देव का वास, दीपक जलाना होता है बेहद खास

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घर में इन स्थानों पर होता है पितृ देव का वास, दीपक जलाना होता है बेहद खास

घर में इन स्थानों पर होता है पितृ देव का वास, दीपक जलाना होता है बेहद खास 

किसी भी पूजा पाठ में दीपक जलाना बेहद ही शुभ होता है


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। किसी भी पूजा पाठ में दीपक जलाना बेहद ही शुभ होता है। कहा जाता है कि कोई भी पूजा-पाठ बिना दीपक जलाए पूरी नहीं होती है। लेकिन क्या आपको पता है शास्त्र के अनुसार, हर देवी-देवता के लिए अलग-अलग दीपक जलाए जाते हैं। शास्त्र के अनुसार, जिस प्रकार मां लक्ष्मी के लिए घी का दीपक, हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक और शनि देव महराज के लिए सरसों के तेल का दीपक प्रिय होता है, ठीक उसी प्रकार पितृपक्ष में पितरों को भी प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग दीपक जलाए जाते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि पितृ देव के लिए कौन से दीपक किस दिशा में जलाना बेहद ही शुभ होता है। तो आइए जानते हैं।

पितृपक्ष में घर के इन जगहों पर जलाएं दीपक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बेहद ही शुभ माना गया है। इस दौरान सुबह शाम घर में दीपक जरूर जलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं, इसके साथ ही अपनी कृपा भी प्रदान करते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितर देव बहुत ही प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही आपकी सारी मनोकामना पूर्ण भी करते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही अपनी कृपा भी बरसाते हैं। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ पर देवी-देवताओं के साथ पितरों का वास होता है। इसलिए आपको इस दौरान पीपल के पेड़ के पास घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में नियमित रूप से शाम के समय किचन में पीने के पानी के स्थान पर दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद तो मिलेगा ही इसके साथ ही मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा भी प्रसन्न होती है।