जानें शनिवार के राहुकाल व दिशाशूल की स्थिति, आज के दिन क्या करें और क्या नहीं
हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। शनिवार 30 अक्टूबर, नवमी तिथि 14:44:37 तक तदोपरान्त दशमी तिथि है। नवमी तिथि की स्वामिनी दुर्गा जी हैं तथा दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी हैं। शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें
सूर्यास्तः- सायं 05:34:00
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- हेमन्त ऋतु
मासः- कार्तिक माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- नवमी तिथि 14:44:37 तक तदोपरान्त दशमी तिथि
तिथि स्वामीः- नवमी तिथि की स्वामिनी दुर्गा जी हैं तथा दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी हैं।
नक्षत्रः- अश्लेषा 12:52:00 तक तदोपरान्त माघ नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- अश्लेषा नक्षत्र के स्वामी बुध देव हैं तथा माघ नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं।
योगः- शुक्ल 24:58:00 तक तदोपरान्त ब्रह्मा
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 06:31:00 से 07:54:00 बजे तक
दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।
राहुकालः- राहु काल 09:17:00 से 10:41:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में लौकी या कद्दू नही खाना चाहिए व कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”
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