जम्मू-कश्मीर में आतंकी संबंधों के आरोप में तीन सरकारी अधिकारी बर्खास्त, 52 सस्पेंड

  1. Home
  2. जम्मू - कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में आतंकी संबंधों के आरोप में तीन सरकारी अधिकारी बर्खास्त, 52 सस्पेंड

जम्मू-कश्मीर में आतंकी संबंधों के आरोप में तीन सरकारी अधिकारी बर्खास्त,  52 सस्पेंड

जम्मू-कश्मीर सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के साथ काम करने के आरोप


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के साथ काम करने के आरोप में तीन राज्य कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया है कि ये अधिकारी कथित तौर पर आतंकवादियों को रसद मुहैया कराने और आतंकी वित्त जुटाने और अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने में इन संगठनों की मदद करते पाए गए हैं।

सरकार ने तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए भारत के संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल किया है। सूत्रों का कहना है कि जांच से स्पष्ट रूप से पता चला है कि वे कथित तौर पर पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकी संगठनों की ओर से काम कर रहे थे।

कश्मीर यूनिवर्सिटी में जनसंपर्क अधिकारी था एक आरोपी

आरोपियों में से एक कश्मीर विश्वविद्यालय में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम कर रहा था। आरोपी के बारे में कहा जाता है कि वह कथित तौर पर पाकिस्तान आईएसआई से प्राप्त प्रारंभिक धन के साथ वैध व्यवसाय में उतरने से पहले आतंकवादी शब्बीर शाह का सहयोगी था।

आरोपी प्रमुख समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर भी लिख रहा था। सूत्रों का कहना है कि वह अपने लेखों के जरिए केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को वैध बताता था और भारतीय संघ से जम्मू-कश्मीर के अलगाव का समर्थन करता था।

सूत्रों का कहना है कि दूसरा आरोपी 2006 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में सशस्त्र पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुआ था। वह पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के ओवर ग्राउंड वर्कर्स के संपर्क में आया था।

तीसरा आरोपी राजस्व विभाग में कार्यरत था। जांच टीम के सूत्रों का कहना है कि वह अलगाववादी मिथकों का एक कट्टर समर्थक था और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) जैसे कई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के लिए सूत्रधार था।

अब तक 52 सरकारी अधिकारी बर्खास्त

तीन सरकारी अधिकारियों की बर्खास्तगी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की “आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता” की नीति का पालन करती है। आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों के लिए अब तक 52 सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।