प्रत्याशियों के चयन में अपने मजबूत गढ़ में ठिठके सपा के कदम
मुरादाबाद। विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों का एलान करना शुरू कर दिया है। मुरादाबाद मंडल में दूसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए भाजपा 27 में 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी का एलान कर चुकी है। वैसे मुरादाबाद मंडल सपा का गढ़ माना जाता है। विधानसभा के पिछले चुनाव में सपा को मंडल की 27 में से 12 सीटों पर जीत मिली थी। बाद में नूरपुर सीट पर हुए उप चुनाव में सपा के प्रत्याशी जीत हासिल हुई थी। हालांकि स्वार सीट पर अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द होने की वजह से मंडल में सपा के विधायकों की संख्या 12 है। मंडल की छह लोकसभा सीटों में तीन पर सपा का कब्जा है। इसके बाद भी अभी तक सपा ने अधिकृत रूप से मंडल की आठ सीटों पर प्रत्याशियों का एलान किया है।
मुरादाबाद मंडल को परंपरागत रूप से सपा का गढ़ माना जाता है। मंडल की गुन्नौर सीट का मुलायम सिंह यादव प्रतिनिधित्व कर चुके हैं तो रामगोपाल यादव संभल लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके बाद सपा का अपने मजबूत गढ़ में प्रत्याशियों के चयन में कदम ठिठके-ठिठके से नजर आ रहे हैं। पार्टी एक-एक करके प्रत्याशियों का चयन कर रही है और बाद में उसको बदलने जाने की भी चर्चा चल रही है। सपा ने सिर्फ मंडल के रामपुर जिले की पांच विधानसभा सीटों से सभी पर प्रत्याशियों का एलान किया है। मंडल में विधानसभा की सबसे अधिक आठ सीट बिजनौर जिले में है। वहां से सपा ने अभी तक एक भी सीट पर अपने उम्मीदवार का एलान नहीं किया है। मुरादाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों में से किसी पर अधिकृत रूप से प्रत्याशी का एलान नहीं किया गया है। पार्टी ने अमरोहा जिले की चार में दो और संभल जिले की चार में से एक सीट पर ही प्रत्याशी का एलान किया है। अमरोहा जिले की नौगांवा सादात विधानसभा सीट से घोषित प्रत्याशी को बदले जाने की चर्चा है। इस तरह से मंडल की 27 सीटों में आठ पर ही सपा ने अभी तक अधिकृत रूप से प्रत्याशियों का एलान किया है। राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर चर्चा है कि सपा मुरादाबाद मंडल को काफी गंभीर है। पार्टी को हर जीत पर जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। इसलिए पार्टी पर फुंक-फुंक कर कदम रख रही है। इसके अलावा रालोद के साथ सीटों का बंटवारे को लेकर पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाने के कारण भी सीटों के एलान में देरी हो रही है। प्रत्याशियों के चयन में विलंब होने की वजह से सपा के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में पिछड़ सकते हैं। क्योंकि अधिकांश विधानसभा सीटों से टिकट के दावेदार लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं। कई सीटों पर प्रत्याशियों का चयन हो जाने के बाद भी प्रचार शुरू नहीं हो सका है, क्योंकि वहां उम्मीदवार बदले जाने की चर्चा है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि प्रत्याशियों के चयन में सपा की अतिरिक्त सतर्कता चुनाव में कही भारी न पड़ जाए।
2017 में कहां-कहां से जीते थे सपा के प्रत्याशी
मुरादाबाद ग्रामीण--हाजी इकराम कुरैशी
कुंदरी हाजी रिजवान
ठाकुरद्वारा नवाब जान
बिलारी मोहम्मद फहीम
रामपुर नगर आजम खां
स्वार अब्दुल्ला आजम (निर्वाचन रद्द)
चमरौआ नसीर खां
अमरोहा महबूूब अली
संभल इकबाल महमूद
असमोली पिंकी यादव
नगीना मनोज पारस
नजीबाबाद तस्लीम अहमद
नूरपुर की सीट अब है सपा के खाते में
मुरादाबाद। पिछले विधानसभा चुनाव में बिजनौर की नूरपुर सीट से भाजपा के लोकेंद्र चौहान निर्वाचित हुए थे। 2018 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद हुए उप चुनाव में सपा के नईमुल हसन ने इस सीट पर जीत हासिल कर ली थी।
अब्दुल्ला का निर्वाचन हो गया था रद्द
मुरादाबाद। 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार सीट से आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम निर्वाचित हुए थे। उनके निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। दिसंबर 2019 में हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया था। इसके बाद यह सीट रिक्त घोषित कर दी गई थी।
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