IIT मद्रास का कमाल, पुरानी और खराब फोटो को नया बनाने की खोजी तकनीक
पब्लिक न्यूज डेस्क। कहते हैं, गुजरा जमाना कभी लौटकर नहीं आता है। लेकिन आपके गुजरे जमाने की फोटो को जरूर वापस उसी स्वरूप में लाया जा सकता है। जी, हां यह कारनामा आईआईटी मद्रास की एक रिसर्च टीम किया है। जिन्होंने ऐसी तकनीक इजाद की है, जो बारिश और धूप से खराब होने वाली पुरानी फोटो को नया बना देगी। IIT मद्रास टीम की यह तकनीक इतनी सटीक है कि आप पुराने और नई फोटो में कोई अंतर नहीं ढ़ूढ पाएंगे। इस तकनीक को विकसित करने के काम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली गई है। इसके लिए रिसर्चर ने न्यूजर नेटवर्क पावर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है।
IIT मद्रास की रिसर्च की नई तकनीक ना सिर्फ आपकी फोटो को दोबारा से नई बना देगी, बल्कि अगर आपके सीसीटीवी में किसी संदिग्ध की फोटो और वीडियो धुंधला रिकॉर्ड हुआ है, तो मद्रास आईआईटी टीम धुंधली सीटीवी फोटो को भी साफ बना देगी, जिससे सीसीटीवी के संदिग्ध को पकड़ने में मदद होगी। मतलब आने वाले दिनों में आईआईटी टीम की नई टेक्नोलॉजी फॉरेंसिक जांच के साथ ही पुलिस विभाग की तरफ से आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान करने के काम में इस्तेमाल की जा सकती है।
IEEE की ओर से जनर्ल में बताया गया है कि यह टेक्नोलॉजी डॉ. ए. एन. राजगोपालन का आइडिया है।राजगोपालन की इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजन प्रयोगशाला में आर्टिफ़िशियल न्यूरल नेटवर्क की पावर से खराब हुई तस्वीरों को दोबारा से सही किया जाएगा। इसके पहले स्टेज में एक न्यूरल नेटवर्क तस्वीर के खराब हिस्से को सीमित रखेगा तथा दूसरे स्टेज में यूरल नेटवर्क तस्वीर को दुरुस्त करेगा। मौजूदा वक्त में यह तकनीक सीसीटीवी की खराब फोटो को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस तकनीक से कैमरे से ली गई फोटो को ठीक किया जा सकेगा।
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