योगा: कटि चक्रासन से कमर में आता है लचीलापन

पब्लिक न्यूज़ डेस्क। कटि चक्रासन योगासान (Yogasan) का वास्तव में अर्थ है कमर के हिस्से को घुमाना। इस आसन से कमर को खिंचाव मिलने के साथ साथ कमर में लचीलापन भी आता है। इसे करने के लिए थोड़ा समय लगता है परंतु इसके अनेक लाभ हैं।
इस सरल और उपयोगी आसन का सही एवं नियमित अभ्यास ,कब्ज़ दूर करने में सहायक है।
कटी =कमर ,चक्र=घुमाना ,आसन =योगासन।
कटि चक्रासन करने की विधि | How to do kati chakrasana
- पैरों को जोड़ कर सीधे खड़े हो जाएँ।
- श्वास अंदर लेते हुए ,हथेलियां एक दुसरे के सामने रखते हुए,हाथों को अपने सामने,ज़मीन के समानांतर करें।
- अपने हाथों और कन्धों की दूरी समान रखें।
- श्वास छोड़ते हुए,कमर दाहिनी ओर घुमाएं और बाएं कंधे से पीछे की ओर देखें। श्री श्री योग के विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार पैरों को एक ही स्थान पर रखे रहें ,इससे कमर को पूरा घुमाव प्राप्त होगा।
- हथेलियों की दूरी समान बनायें रखिये ,क्या आपको अपनी पीठ के नीचले हिस्से में खिंचाव का अनुभव हो रहा है ?
- श्वास लेते हुए पुनः सामने की ओर घूम जाएँ।
- श्वास छोड़ते हुए इस आसन को बाएँ ओर घुमते हुए दोहराएँ।
- साँस लेते हुए पुनः सामने की ओर घूम जाएँ।
- इस आसन को कुछ समय तक दोनों तरफ करें और फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को नीचे लें आएँ।
आसन करने की गति धीमी और एक समान हो। शरीर को झटके से न हिलाएँ। यदि आप श्वास और गति में सामंजस्य के साथ योगासन करेंगे तो आपको इसका अत्यधिक लाभ होगा।
कटि चक्रासन के लाभ | Kati chakrasana benefits
- कब्ज़ से राहत।
- मेरुदंड और कमर का लचीलापन।
- हाथ और पैरों के मासपेशियों के लिए लाभदायक।
- गर्दन एवं कन्धों को आराम देते हुए,पेट की मासपेशियों एवं पीठ को शक्तिशाली बनाता है।
- बैठकर या दफ्तर में कार्य करने वालों के लिए लाभदायक।
कटि चक्रासन करते समय कुछ चीज़ों पर ध्यान दे | Contraindications of the Kati chakrasana
- गर्भावस्था,हर्निया,स्लिप डिस्क,एवं उदर के हिस्से में हुई कोई भी सर्जरी वाले व्यक्तियों के लिए यह आसन वर्जित है।
- यदि आपको रीढ़ की हड्डी की कोई भी समस्या हो तो आप चिकित्सिक से सलाह लेकर ही यह आसन करें।
ये योगाभ्यास न केवल मन और बुद्धि को विकसित करने में बल्कि अच्छे स्वास्थ्य में भी सहायक है।
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