कोरोना के लक्षण होने के बाद भी क्यों नेगेटिव आती है रिपोर्ट? जानें इसके बाद क्या करें

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कोरोना के लक्षण होने के बाद भी क्यों नेगेटिव आती है रिपोर्ट? जानें इसके बाद क्या करें

कोरोना के लक्षण होने के बाद भी क्यों नेगेटिव आती है रिपोर्ट? जानें इसके बाद क्या करें


नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में इस बीमारी के कुछ और लक्षण सामने आ रहे हैं। वहीं, सांस लेने में तकलीफ होना इसका ऐसा गंभीर लक्षण है, जो पिछले साल के मुकाबले इस साल बहुत बड़ी चिंता का विषय है। बुखार, सर्दी, खांसी, बदन दर्द, अत्यधिक थकान और दस्त कोरोना संक्रमण के ऐसे लक्षण हैं, जिन्हें देखते ही कोरोना टेस्ट की सलाह दी जा रही है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है, जिनमें बीमारी के ज्यादातर लक्षण नजर नहीं आ रहे लेकिन फिर भी वे कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं। वहीं, एक ओर चिंता का विषय यह भी है कि कोरोना के लक्षण होने पर भी कुछ लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। ऐसे में मन में यह सवाल उठ रहा है कि कोविड19 के लक्षण होने पर भी आखिर रिपोर्ट नेगेटिव क्यों आती है। 

 

कैसे होती है कोरोना की जांच? 
कोरोना संक्रमण की जांच के लिए दो प्रकार के टेस्ट होते हैं: आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट। आरटी-पीसीआर को डॉक्टर और विशेषज्ञ सबसे सही मानते हैं। आरटी-पीसीआर का मतलब है रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन। इस टेस्ट में नाक या गले से एक नमूना (स्वाब) लिया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आरटी-पीसीआर पुष्टि कर सकता है कि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं।एक बार मरीज़ की नाक या गले से स्वाब लेने के बाद उसे एक तरल पदार्थ में डाला जाता है। रूई पर लगा वायरस उस पदार्थ के साथ मिल जाता है और उसमें एक्टिव रहता है। फिर इस नमूने को टेस्ट के लिए लैब में भेजा जाता है।

 

सभी लक्षण दिखने के बाद भी क्यों नेगेटिव आती है रिपोर्ट 
देखा जाए, तो इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन फिर भी इसके कुछ कारण मुख्य हैं। 
 

सैंपल लेने में लापरवाही 
स्वाब लेने के दौरान चूक, स्वाब लेने का ग़लत तरीक़ा ,वायरस को सक्रिय रखने के लिए तरल पदार्थ की आवश्यक मात्रा में कम होना, स्वाब के नमूनों का अनुचित ट्रांसपोर्टेशन फ़ॉल्स निगेटिव आने की वजह हो सकते हैं। 

 

मरीज के शरीर में वायरस का कम असर 
हर व्यक्ति की इम्युनिटी अलग-अलग होती है। यह बात हम सभी जानते हैं, जैसे कोई हल्के बुखार को आसानी से काम करते हुए भी झेल जाता है, तो वहीं कुछ लोग खांसी-जुकाम होने पर भी काफी परेशानी का सामना करते हैं। इसी तरह कोरोना वायरस महामारी में भी कुछ लोगों में कई लक्षण नजर आते हैं लेकिन सही मायनों में वायरस का लोड कम होता है, जिससे कि रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है। 

 

ट्रांसपोर्टेशन में सैंपल का खराब होना 
कोल्ड-चेन को सही तरीके से न मैनेज करने के कारण यदि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान वायरस सामान्य तापमान के संपर्क में आता है, तो यह अपनी वाइटैलिटी खो देता है और रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है।"

 

प्रशिक्षण की कमी 
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कभी-कभी स्वाब के नमूने लेने वाले लोग ठीक से प्रशिक्षित नहीं होते हैं। वो स्वाब ठीक से नहीं लेते जिसके कारण कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने की सम्भावना रहती है। 

 

टेस्ट से पहले पानी पीना भी वजह 
कभी-अभी ऐसा होता है कि अगर कोविड -19 परीक्षण से पहले किसी ने कुछ खाया है या फिर पानी पीया है, तो यह आरटी-पीसीआर के परिणाम को प्रभावित कर सकता है। 

 

लक्षण के बाद भी रिपोर्ट नेगेटिव आए, तो क्या करें 
अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के ये लक्षण बुखार, सर्दी, खांसी, बदन दर्द, अत्यधिक थकान और दस्त है, फिर भी उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो व्यक्ति को 5-6 दिनों बाद फिर से टेस्ट कराना चाहिए। कोरोना से जुड़ी जानकारियों से अपडेट रहकर ही न सिर्फ सुरक्षित रहा जा सकता है बल्कि इससे डर, तनाव और निराशा पर भी काबू पा सकते हैं।

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