एसवाईएल का पानी कानूनी पचड़ों में फंसा

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एसवाईएल का पानी कानूनी पचड़ों में फंसा

एसवाईएल का पानी कानूनी पचड़ों में फंसा


हरियाणा। जीटी रोड बेल्ट में अपनी पकड़ बना चुकी भाजपा अब पानी के जरिए दक्षिण हरियाणा में जड़ें जमाना चाह रही है। एसवाईएल का पानी अभी कानूनी उलझनों में उलझा हुआ है, इसलिए पार्टी ने रेणुका लखवार और किशाऊ डैम के पानी को हरियाणा में लाने का जिम्मा उठाया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि आगामी ढाई साल में यह पानी हरियाणा में आ जाएगा। कृषि मंत्री जेपी दलाल मानते हैं कि उनकी खुद की सीट से वे पानी की बदौलत चुनाव जीत कर आए हैं। दक्षिण हरियाणा में टेल तक पानी पहुंचने का मतलब यही है कि जनता को यह समझ में आ गया है कि इस दुर्गम क्षेत्र में भाजपा ही पानी पहुंचा सकती है। 

अमर उजाला से बातचीत में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि बंसीलाल के समय एसवाईएल बनी लेकिन उसका पानी हरियाणा के लोगों को नसीब नहीं हो सका। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा ने हांसी बुटाना नहर तो बना दी लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण यह पानी हरियाणा में नहीं आ सका। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड से नहर को लिंक करने की अनुमति नहीं ली जिसके कारण यह मामला भी कानूनी पचड़े में फंस गया।

हरियाणा में पानी का मुख्य स्रोत भाखड़ा से आने वाला पानी और बारिश के दिनों में यमुना में आने वाला पानी है। धान की फसल में पानी का अधिक प्रयोग होता है। जिसके कारण पानी की कमी है। किसान को कम पानी की फसल के लिए जागरूक करना एक अलग बात है, लेकिन अधिक पानी लाने के लिए सरकार रेणुका लखवार और किशाऊ डैम से पानी लाने की तैयारी कर रही है। इस पानी से हरियाणा की तस्वीर तो नहीं बदल पाएगी, लेकिन किसानों को आने वाले समय में खेती के लिए पर्याप्त पानी मिल जाएगी। प्रयास किया जा रहा है कि आने वाले दस साल तक पानी का संकट न हो। इसके आगे की व्यवस्था के लिए हम प्रयास करने में जुटे हैं।

हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए जल्द ही वाटर पूलिंग पॉलिसी लाई जाएगी। इसके तहत जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है वहां पर लेक का निर्माण किया जाएगा, ताकि भूमि सुधार के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके

रेणुका किशाऊ डैम का काम पूरा होने में करीब ढाई साल का समय लगेगा। इस डैम के बनने से हरियाणा को बहुत अधिक लाभ मिलने वाला है। अभी उत्तराखंड और हिमाचल के बीच पावर जैनरेशन की हिस्सेदारी को लेकर कुछ विवाद है, जो उन प्रांतों को सुलझाना है। इससे हरियाणा को 40.7 प्रतिशत पानी मिलेगा।

एक नवंबर को हरियाणा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल हर घर में नल की घोषणा कर सकते हैं। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि घरों में पानी की सप्लाई पहले की तरह पानी की टंकी से की जाए। कई स्थानों पर जनता ने अपने स्तर पर पानी की व्यवस्था कर रखी है। सरकारी सिस्टम से पानी आना ही बंद हो चुका है।

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