कानपुर का प्रदूषण दूर करने के लिए मियावाकी पद्धति का सहारा, गली-गली हरियाली लाने की तैयारी

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कानपुर का प्रदूषण दूर करने के लिए मियावाकी पद्धति का सहारा, गली-गली हरियाली लाने की तैयारी

कानपुर का प्रदूषण दूर करने के लिए मियावाकी पद्धति का सहारा, गली-गली हरियाली लाने की तैयारी


पब्लिक न्यूज डेस्क। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, वैसे-वैसे शहर में वायु प्रदूषण का ग्राफ बढ़ता जाता है। शहर की हवा दूषित होने लगती और लोगों को सांस लेने में तकलीफ समेत कई अन्य दिक्कतें होने लगी हैं। अब बढ़ते वायु प्रदूषण को थामने और आमजन को राहत पहुंचाने के लिए वन विभाग मियावकी पद्धति पर काम करने जा रहा है। इसके लिए अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें शहर में गली-गली पौधारोपण कराया जाएगा।

कुछ दिनों पहले लखनऊ में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में यह फैसला विभाग के आला अफसरों ने किया और तय हुआ कि पौधारोपण के दौरान मियावाकी पद्धति का नियम क्रियान्वित करेंगे। इसके लिए वन विभाग के अफसर, जल्द ही कार्ययोजना तैयार करेंगे। मौजूदा प्लानिंग के मुताबिक, वन विभाग, नगर निगम, आवास विकास, केडीए व कई अन्य विभागों के साथ मिलकर इस कवायद को करेगा।

कम जगह में लग सकते हैं अधिक पौधे

डीएफओ अरविंद यादव ने बताया कि मियावाकी पद्धति से पौधारोपण का फैसला इसलिए किया गया, क्योंकि बहुत कम जगह में अधिक से अधिक पौधे रोपे जा सकते हैं। बानगी देते हुए बताया कि एक गुणा एक मीटर स्थान में ही तीन से चार पौधों को रोपा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि शहर में तीन अलग-अलग स्थानों पर मियावाकी पद्घति से पौधे रोपे गए हैं। इनमें दो स्थानों- आर्डिनेंस फैक्ट्री के सामने व गंगा बैराज के पास नगर निगम द्वारा पौधे रोपे गए हैं। जबकि वन विभाग की ओर से कल्याणपुर में पौधे रोपे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा, कि जितना अधिक पौधारोपण होगा उतनी अधिक आक्सीजन शहर को मिल सकेगी। बोले, इस काम में आम जन का भी सहयोग लिया जाएगा। अगर कहीं टाउनशिप तैयार हो रही है, तो वहां मियावाकी पद्धति से पौधारोपण के लिए स्थान अलग करवाया जाएगा।

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