क्या सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सरकार को कानून वापसी का आदेश देगा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सरकार को कानून वापसी का आदेश देगा?

क्या सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सरकार को कानून वापसी का आदेश देगा?


पब्लिक न्यूज डेस्क। किसान आन्दोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने जो गंभीरता दिखाई और सरकार को जिस तरह से फटकार लगायी आखिर इसके क्या मायने निकाले जाय? सुप्रीम कोर्ट ने कल इस मसले पर आदेश जारी करने की बात कही है तो फिर कोर्ट की तरफ से क्या आदेश जारी किये जायेंगे? क्या कोर्ट सरकार को कानून वापसी का आदेश देगा? या फिर कोर्ट की एक कमेटी बनाने का आदेश जारी होगा और तब तक कानून को निलम्बित रखा जायेगा। यहाँ एक सवाल है कि क्या कोर्ट की इस कवायद से किसान वापस अपने घर लौट जायेंगे? क्यूंकि किसान अडिग है कि जब तक कानून वापसी नही होगी तब तक वह घर नही जायेंगे।
हालाकि आज सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि “केंद्र सरकार इस मामले को जिस तरह से देख रही है, वह बहुत ही निराशाजनक है, आपने इस मसले पर ठीक से ध्यान नहीं दिया, हमें कोई न कोई कदम तो आज उठाना ही होगा।“
सुप्रीम कोर्ट की गम्भीर टिप्पड़िया 
1- हम नहीं जानते कि किस तरह की बातचीत चल रही है। आप बताइए कि आप कृषि कानूनों पर रोक लगाएंगे या नहीं? आप नहीं लगाएंगे तो हम लगा देंगे।
2- इसे कुछ वक्त तक रोकने में क्या हर्ज है? हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, इसलिए आपसे कानूनों के अमल पर रोक लगाने को कह रहे हैं।
3- हम ICAR के मेंबर्स को शामिल कर एक कमेटी बना सकते हैं। तब तक आप कानूनों पर रोक लगाइए। आप कानूनों को जारी रखने पर क्यों जोर दे रहे हैं?
4- हमें नहीं पता कि सरकार दिक्कत बढ़ाना चाहती है या सॉल्यूशन चाहती है।
5- हमारे पास अब तक एक भी ऐसी अर्जी नहीं आई, जो कहती हो कि कृषि कानून अच्छे हैं। अगर ऐसा है तो किसान यूनियनों को कमेटी के सामने कहने दें कि कृषि कानून अच्छे हैं। आप तो हमें ये बताइए कि आप कानूनों के अमल को रोकना चाहते हैं या नहीं, आखिर दिक्कत क्या है?
6- हम कानूनों को असंवैधानिक करार नहीं दे रहे। हम बस उसके अमल पर रोक की बात कर रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आप मसला सुलझाने में नाकाम रहे। सरकार को जिम्मेदारी लेनी होगी। कानूनों की वजह से आंदोलन हुआ और आंदोलन अब आपको खत्म कराना है।
7- मिस्टर अटॉर्नी जनरल आपको लंबा वक्त दे चुके हैं, हमें धैर्य पर लेक्चर मत दीजिए।

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