मोहिनी चाय के मालिकों में विवाद,

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मोहिनी चाय के मालिकों में विवाद,

मोहिनी चाय के मालिकों में विवाद,


कानपुर की मशहूर मोहिनी चाय के मालिकों के बीच रार बढ़ गई है. लोन की रकम को लेकर भाई ने भाई पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

पब्लिक न्यूज डेस्क। देश दुनिया में अपनी चाय के लिए मशहूर मोहिनी चाय ग्रुप में करीब ढाई करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है. कंपनी के निदेशक ने अपने बड़े भाई और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर समेत छह लोगों पर धोखाधड़ी, जालसाजी, गिरोह बंदी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है. आरोप है कि इन सभी आरोपियों ने मिलकर कोरोना काल में राहत के नाम पर लिए गए अतिरिक्त लोन की रकम में घोटाला कर दिया. कोतवाली पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. हालांकि, कई बार प्रयास करने पर इस मामले में दोनों ही पक्ष बोलने को तैयार नहीं हैं.

भाई ने भाई पर लगाया लोन की रकम में धोखाधड़ी का आरोप

देश भर में अपनी चाय के स्वाद के लिए मशहूर मोहिनी चाय के डायरेक्टर्स में विवाद हो गया है. भाइयों के बीच मचा विवाद अब थाने तक पहुंच गया है. कानपुर के कोतवाली में मोहिनी टी लीव्स प्राइवेट लिमिटेड के एक डायरेक्टर ने मैनेजिंग डायरेक्टर पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज करवा दिया है. दरअसल, मोहिनी टी लीव्स प्राइवेट लिमिटेड में रमेश चंद्र अग्रवाल मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. रमेश के भाई दिनेश चंद्र और सुरेश चंद्र कंपनी में बतौर डायरेक्टर काम करते हैं. इस बीच दिनेश चंद्र अग्रवाल ने रमेश चंद्र अग्रवाल उनकी पत्नी बेटा बहू, प्रिया वर्मा और जावेद खान के खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया है. एफआईआर में आरोप लगाया है कि, आरोपियों ने कोरोना काल में राहत के नाम पर लिए गए अतिरिक्त लोन 2 करोड़ 40 लाख रुपए में घोटाला कर दिया.

निजी खातों में ट्रांसफर की गई लोन की रकम

शिकायतकर्ता दिनेश चंद्र अग्रवाल ने अपनी तहरीर में बताया है कि, 2 करोड़ 40 लाख रुपए का जो अतिरिक्त लोन लिया गया. उसमें 70 लाख रुपये निजी खाते में भी ट्रांसफर करा दिए गए. इसकी जानकारी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को नहीं दी गई. कंपनी में दिनेश चंद्र अग्रवाल की 20 फसदी की हिस्सेदारी भी है. दिनेश चद्र अग्रवाल ने बैंक प्रबंधन पर भी गंभीर सवाल उठा दिए हैं, और मिलीभगत का आरोप भी मढ़ा है.

इस तरह किया गया फर्जीवाड़ा

दिनेश चंद्र अग्रवाल की माने तो सिविल लाइन्स स्थित यस बैंक से लोन पास किया गया. 70 लाख रुपये इसी साल 17 और 19 मार्च को निजी खातों में ट्रांसफर कर दिए गए. यह रकम रमेश चंद्र और हर्षित अग्रवाल के खातों में भेजी गई. लोन 17 फरवरी को लिया गया था. बैंक को कागजों में बताया गया कि, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक 27 मार्च को हुई थी जो हुई ही नहीं. इस तरह से अन्य आरोपियों के खातों में रकम जमा की गई. अब संबंधित लोगों को नोटिस भेजकर पुलिस बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है.

दरअसल, शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति और मोहिनी चाय के निदेशक रमेश चंद्र अग्रवाल और दिनेश चंद्र अग्रवाल की घरेलू लड़ाई में बैंक अफसरों की भूमिका भी शामिल बताई जा रही है. दिनेश चंद्र अग्रवाल का आरोप है कि बैंक अफसरों की मिलीभगत से ही उनके बड़े भाई ने अपने बेटे और बहू के खातों में कंपनी के लोन की रकम ट्रांसफर करवा ली. लोन लेते समय फर्जी दस्तावेज लगाए गए और बैंक अफसरों ने इसकी पड़ताल भी नहीं की. बैंक अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए दिनेश चंद्र अग्रवाल ने इसकी शिकायत आला अफसरों से भी की है.

बैंक ने अफसरों को तलब किया

बैंक के मुख्यालय ने अफसरों को तलब किया है. मोहिनी समूह से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं. मोहिनी चाय बनाने वाली कंपनी मोहिनी टी लीव्स प्राइवेट लिमिटेड में रमेश चंद्र अग्रवाल दिनेश चंद्र अग्रवाल और सुरेश चंद्र अग्रवाल निदेशक हैं, जो तीनों सगे भाई हैं. तीनों के कंपनी में शेयर हैं. आरोप है कि रमेश चंद्र अग्रवाल ने बोर्ड और डायरेक्टर्स को सूचना दिए बगैर 2 करोड़ 40 लाख रुपए का लोन लिया और बैंक से सांठगांठ कर निजी खाते में रकम ट्रांसफर करवा ली. दिनेश चंद्र अग्रवाल ने भाई रमेश भाभी अमिता, भतीजा हर्षित और बहू पूजा पर रिपोर्ट दर्ज कराई है. आरोप यह भी है कि रमेश चंद्र अग्रवाल ने 27 मार्च को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग के अभिलेखों में भी धोखाधड़ी की. हालांकि, कई बार प्रयास करने पर इस मामले में दोनों ही पक्ष बोलने को तैयार नहीं.

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