शुक्रवार को ऐसे करें शिव-पार्वती की पूजा, नौकरी में होगा प्रमोशन, बिजनेस में भी मिलेगा मुनाफा
सनातन धर्म परंपरा में पंचदेव विष्णु, शिव, सूर्य, गणपति तथा देवी को प्रमुख स्थान दिया गया है
पब्लिक न्यूज़ डेस्क। सनातन धर्म परंपरा में पंचदेव विष्णु, शिव, सूर्य, गणपति तथा देवी को प्रमुख स्थान दिया गया है। इनमें से किसी भी एक की पूजा करने से व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है। इन सभी की पूजा बहुत ही सरल और साधारण है। वैसे तो इन देवी-देवताओं के स्मरण मात्र से व्यक्ति के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर भी ज्योतिष में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें भक्त अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।
इन सभी देवताओं में सबसे कठिन साधनाएं देवी की मानी गई है। उनके अलग-अलग रूप हैं, हर रूप के अनुसार उनकी अलग साधना बताई गई है। महाकाली जैसे रूपों की साधना जितनी उग्र हैं, पार्वती और लक्ष्मी रूप में उतनी साधना उतनी ही सरल और सौम्य है। शुक्रवार को मां भगवती का वार माना गया है। यदि शुक्रवार के दिन मां भगवती के निमित्त कुछ आसान से उपाय कर लिए जाएं तो व्यक्ति अपने सभी मनोरथ आसानी से पूर्ण कर सकता है। जानिए मां लक्ष्मी और पार्वती के ऐसे ही उपायों के बारे में
शुक्रवार को लक्ष्मीजी के ये उपाय बना देंगे लाइफ
अपने घर के निकट किसी विष्णु मंदिर या लक्ष्मी मंदिर में शुक्रवार को जाएं। वहां पर माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें मोगरे का इत्र (परफ्यूम नहीं) भेंट करें। इससे धन की प्राप्ति होगी। यदि मानसिक चिंता और तनाव से मुक्ति पाना चाहते हैं तो उन्हें केवड़े का इत्र चढ़ाएं। इससे सभी तरह की चिंताएं दूर हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन सुबह खाना बनाने से पहले गाय के लिए एक रोटी बनाएं। यह रोटी गुड़ के साथ गाय को खिलाने के बाद ही भोजन ग्रहण करें। इस उपाय को लगातार 21 शुक्रवार करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य के भंडार भरने का वरदान देती है। इस उपाय से नौकरी में प्रमोशन होता है। यदि व्यापार है तो उसमें भी ग्रोथ होती है।
शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी जी की प्रतिमा को सफेद चंदन का तिलक लगाएं। उसी चंदन से अपने ललाट पर भी तिलक लगाएं। इससे भी सौभाग्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा एक उपाय और भी है। शुक्रवार के दिन घर में तुलसी का पौधा लाएं। यदि पहले से पौधा आपके घर में है, तो उस पौधे को पानी से सींचे तथा उसकी पूजा करें। पूजा के बाद पौधे की परिक्रमा करें एवं उससे अपने कष्ट हरने की प्रार्थना करें।