अक्षय तृतीया पर ही क्यों होते हैं वृन्दावन बांके बिहारी के 'चरण दर्शन'? जानिए क्या है कारण

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अक्षय तृतीया पर ही क्यों होते हैं वृन्दावन बांके बिहारी के 'चरण दर्शन'? जानिए क्या है कारण

अक्षय तृतीया पर ही क्यों होते हैं वृन्दावन बांके बिहारी के 'चरण दर्शन'? जानिए क्या है कारण 

अक्षय तृतीया का दिन वृंदावन स्थित भगवान बांके बिहारी के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए बहुत खास है भगवान बांके बिहारी हमेशा पोशाक से ढंके


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- अक्षय तृतीया का दिन वृंदावन स्थित भगवान बांके बिहारी के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए बहुत खास है। भगवान बांके बिहारी हमेशा पोशाक से ढंके रहते हैं, जिसमें उनके चरण भी नहीं दिखाई देते हैं। पूरे साल में केवल वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन यानी अक्षय तृतीया के शुभ मौके पर भक्तों और श्रद्धालुओं को बांके बिहारी के चरण के विशेष दर्शन करवाए जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन भगवान के चरण का विशेष दर्शन के लिए यहां अपार भीड़ जुटती है। भगवान बांके बिहारी के दिव्य चरण सालों भर ढंके रहते हैं और अक्षय तृतीया के दिन ही क्यों उनके चरण के विशेष दर्शन होते हैं? बता दें, वृंदावन स्थित भगवान बांके बिहारी का मंदिर पूरी दुनिया में विख्यात है। भगवान बांके बिहारी के मनमोहक रूप का दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग यहां आते हैं।

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लगभग 500 सौ साल पहले महान कृष्ण भक्त स्वामी हरिदास जी की भक्ति, सेवा और समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान बांके बिहारी ने उनको निधिवन में दर्शन दिया था। स्वामी हरिदास ने वहां ठाकुर जी (बांके बिहारी) की स्थापना कर उनकी आराधना और भी लीन हो गए। वे रोज भगवान बांके बिहारी को उनके प्रिय भोजन का भोग अपनी हाथों से लगाते थे। एक समय ऐसा आया जब मंदिर की रसोई की व्यवस्था और भगवान को उनका प्रिय भोग लगाने के लिए घोर आर्थिक संकट पैदा हो गया। उन्होंने इसके समाधान के लिए कई लोगों से सहायता मांगी लेकिन किसी से कोई सहायता नहीं मिली।हर जगह से थक हारकर स्वामी हरिदास ठाकुर जी ने ठाकुर जी के चरणों में अपना सिर झुका दिया। ठाकुर जी कृपा से उनको भगवान के चरणों में सोने का सिक्का प्राप्त हुआ, जिससे उन्होंने रसोई की व्यवस्था की। इस घटना के बाद जब भी धन संकट होता था, स्वामी हरिदास ठाकुर जी को ठाकुर जी के चरणों से स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती थी। कहते हैं, यह घटना अक्षय तृतीया के दिन हुई थी। तब से अक्षय तृतीया बांके बिहारी जी के भक्तों के लिए खास बन गया।पूरे साल भगवान बांके बिहारी के चरण पोशाक में ढंके रहते हैं। लेकिन अक्षय तृतीया के दिन उनके चरण के विशेष दर्शन करवाए जाते हैं, ताकि जिस तरह से स्वामी हरिदास जी पर ठाकुर जी की कृपा हुई थे, वैसे ही उनकी कृपा उनके भक्तों पर हो और उनके जीवन से धन संकट समाप्त हो जाए और वे सुखी जीवन जिएं।