भगवान को भोग लगाते वक्त जरूर बोलें ये मंत्र, पूजा जल्द होगी स्वीकार

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भगवान को भोग लगाते वक्त जरूर बोलें ये मंत्र, पूजा जल्द होगी स्वीकार

भगवान को भोग लगाते वक्त जरूर बोलें ये मंत्र, पूजा जल्द होगी स्वीकार

 नियमित पूजा-पाठ से मन को शांति मिलती है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। नियमित पूजा-पाठ से मन को शांति मिलती है। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों से भी छुटकारा मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि देवता और पितर की पूजा से जीवन की तमाम परेशानियां स्वतः खत्म हो जाती हैं। पूजा-पाठ के दौरान भगवान को भोग लगाने का भी विशेष धार्मिक महत्व है। कहा जाता कि पूजा-पाठ के दौरान भावपूर्वक भगवान को भोग लगाने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में पूजा-पाठ के दौरान भगवान को भोग लगाने से पहले कुछ नियमों को जानना जरूरी है। आइए जानते हैं पूजा-पाठ के दौरान भगवान को भोग लगाते वक्त किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

भगवान को भोग लगाते वक्त क्या बोलें?

शास्त्रों में भगवान को भोग लगाने के लिए खास प्रकार के मंत्रों का जिक्र किया गया है। कहा जाता है कि जो कोई भगवान को भोग लगाते वक्ति इस मंत्र का उच्चारण करता है, उसकी पूजा स्वीकार होती है। यही वजह है कि भगवान को भोग लगाते वक्त विशेष ध्यान रखा जाता है। भगवान को भोग लगाने के लिए धर्म शास्त्रों में- “त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।” इस मंत्र का विशेष उल्लेख किया गया है। इस मंत्र का भावार्थ है- “हे गोविन्द, आपका ही सब दिया हुआ है, जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं, हे परमेश्वर, आपके मुख के सामने जो भी है, उसे प्रसन्नता से ग्रहण करें।

ऐसे पात्रों में नहीं लगाना चाहिए भगवान को भोग

शास्त्रों के अनुसार, भगवान को कभी भी स्टील, एल्यूमिनियम या लोहे की धातु में भोग नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि इन पात्रों में लगाए गए भोग को देवी-देवता कभी स्वीकार नहीं करते। ऐसे में अगर आप भोग लगाते वक्त ऐसा करते हैं तो तुरंत इसे छोड़ दीजिए। वहीं भगवान को भोग लगाने के लिए हमेशा सोना-चांदी, पीतल, तांबे, मिट्टी या लकड़ी के बने बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए।