अकाल मृत्यु मरने वालों का श्राद्ध कब करें? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त
पितृ पक्ष चल रहा है और इस क्रम में आश्विन कृष्ण चतुर्दशी तिथि
पब्लिक न्यूज़ डेस्क। पितृ पक्ष चल रहा है और इस क्रम में आश्विन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को चतुर्दशी श्राद्ध किया जाएगा। सनातन धार्मिक परंपरा के अनुसार, चतुर्दशी श्राद्ध सिर्फ उन हुतात्माओं के लिए उपयुक्त है, जिनकी मृत्यु किन्हीं विशेष परिस्थितियों में हुई हो। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हथियार द्वारा आत्महत्या या किसी अन्य कारणों से हुई है, उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि में होता है। आइए जानते हैं कि श्राद्ध पक्ष में चतुर्दशी का श्राद्ध कब किया जाएगा। इसके लिए शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि क्या है?
2023 चतुर्दशी श्राद्ध शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी श्राद्ध शुक्रवार, अक्टूबर 13, 2023 को
कुतुप मूहूर्त – 12:01 पी एम से 12:48 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त – 12:48 पी एम से 01:35 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
अपराह्न काल – 01:35 पी एम से 03:56 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 21 मिनट्स
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 12, 2023 को 07:53 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 13, 2023 को 09:50 पी एम बजे
कैसे करें चतुर्दशी का श्राद्ध?
आश्विन माह की चतुर्दशी तिथि को स्नानादि के बाद श्राद्ध के लिए भोग तैयार करें। इस दिन पंचबलि का भोग लगता है। इसमें गाय, कुत्ता, कौआ और चींटियों के बाद ब्राह्मण को भोज कराने की परंपरा होती है। चतुर्दशी के श्राद्ध पर अंगुली में दरभा घास की अंगूठी पहनें और भगवान विष्णु और यमदेव की उपासना करें।
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चतुर्दशी के श्राद्ध पर पवित्र धागा पहनने का भी रिवाज है, जिसे कई बार बदला जाता है। इसके बाद पिंडदान किया जाता है। तर्पण और पिंडदान करने के बाद गरीब और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता के अनुसार कोई भी एक चीज दान कर सकते हैं। आप कपड़े या खाने की कोई चीज भी दान कर सकते हैं।