पैसे की तंगी को खत्म करने के लिए शुक्रवार को करें ये आसान उपाय, बरसेगां धन

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पैसे की तंगी को खत्म करने के लिए शुक्रवार को करें ये आसान उपाय, बरसेगां धन

पैसे की तंगी को खत्म करने के लिए शुक्रवार को करें ये आसान उपाय

आज साल 2023 के मार्च महीने का दूसरा शुक्रवार है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। आज साल 2023 के मार्च महीने का दूसरा शुक्रवार है। सनातन हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन लक्ष्मीऔर वैभव-विलास का दिन माना जाता है। शुक्रवार के दिन यदि आप मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत करते हैं, तो मां लक्ष्मी अपकी हर इच्छा को पूर्ण कर सकती है और आपको हर संकट से मुक्ति मिल सकता है। शास्त्रों में लक्ष्मी मां को धन की देवी माना गया है। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन (Shukrawar Upay) उनकी पूजा आराधना करने से उनका आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही सारे कष्ट दूर होते हैं, पैसों की तंगी से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

पैसों की किल्लत को दूर करने के लिए हम माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं। माता लक्ष्मी धन और संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है। कहा जाता है कि समुद्र से इनका जन्म हुआ था, और इन्होंने श्री विष्णु से विवाह किया था। इनकी पूजा से धन की प्राप्ति होती है साथ ही वैभव भी मिलता है। यदि लक्ष्मी रुष्ट हो जाएं तो घोर दरिद्रता का सामना करना पड़ता है।

ज्योतिष में शुक्र ग्रह से इनका सम्बन्ध जोड़ा जाता है। माता लक्ष्मी की पूजा से केवल पैसे ही नहीं बल्कि समाज में यश की भी प्राप्ति होती है। इनकी पूजा से दाम्पत्य जीवन बेहतर बनता है। आज के दिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय भी किए जाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपके पास बहुत सारा धन (Wealth)  आ सकता है।

शुक्रवार के उपाय 

कहते हैं घर में किसी भी समय लक्ष्मी जी  आ सकती है लेकिन शाम का समय ऐसा होता है, जिस समय लक्ष्मी जी का आना संभव होता है इसलिए शाम के समय सारे घर  की लाइट जला कर पूरे घर में रोशनी कर देना चाहिए।

कहा जाता है मां लक्ष्मी के समक्ष मोगरे का इत्र अर्पित करना चाहिए और रति और कामसुख के लिए गुलाब का इत्र चढ़ाना चाहिए। इसी के साथ देवी लक्ष्मी के सामने केवड़े का इत्र अर्पित करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

कहा जाता है शुक्रवार के दिन सुबह के समय गो-माता को ताज़ी रोटी खिलाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी और आप पर सदेव अपनी कृपा बनाये रखेंगी।

घर में स्वच्छता का जरुर ध्यान दे क्योंकि इससे माता लक्ष्मी जरुर प्रसन्न होती है और साथ ही कभी शाम के समय घर में झाडू न लगाए इससे घर की लक्ष्मी   बाहर चली जाती है।

कहा जाता है शुक्रवार के दिन उस जगह जाए जहां मोर नृत्य करते है और उसके बाद वहां की मिट्टी लाकर एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर पवित्र जगह में रख दें और उसकी रोज पूजा करें धनलाभ होगा।

इसके अलावा और क्या करें 

घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें।
श्वेत चंदन का तिलक करें।
पानी में चंदन मिलाकर स्नान करें।
नहाते समय लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करें।
‘श्रीं जगतप्रसूते नमः’ मंत्र का जाप करें।
लक्ष्मी-नारायण पर चढ़े चंदन से मस्तक पर तिलक करें।
लक्ष्मी-नारायण पर चढ़ी खीर किसी कन्या को खिलाएं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर में अथवा अपने घर के पूजाघर में लक्ष्मी-नारायण की पूजा करके उन पर गुलाबी फूल चढ़ाएं।
चांदी का टुकड़ा या चंदन की लकड़ी नदी या नहर में प्रवाहित करें।

सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल करें।

संतान प्राप्ति के चाहवान दंपति हरसिंगार का पौधा घर में लगाएं तथा उसको ऐसे सींचे, जैसे अपने छोटे बच्चे की देखभाल करते हैं।

मां लक्ष्मी के मंत्र

पैसे की तंगी को खत्म करने के लिए महालक्ष्मी का ध्यान करके इच्छानुसार देसी खंड और श्रीसूक्त का पाठ करें। इसके बाद चढ़ी हुई देसी खंड किसी सुहागन ब्राह्मणी को दान दें।

महाउपाय- अगर आपका धन मंदा पड़ गया है तो 12 बुधवार इस प्रयोग को अपनाएं। 12 कौड़ी जलाकर उसकी राख़ बना लें और उस राख को हरे कपड़े में बांधकर जल प्रवाह करें।

इनमें से कोई भी उपाय जो आप आसानी से कर सकते हैं, शुक्रवार को कर लें। फिर देखें कैसे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती है।

ये हैं मां लक्ष्मी के मंत्र

1- या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:
पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा
तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्.

2- विष्णुप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं जगद्वते
आर्त हंत्रि नमस्तुभ्यं, समृद्धं कुरु मे सदा
नमो नमस्ते महांमाय, श्री पीठे सुर पूजिते
शंख चक्र गदा हस्ते, महां लक्ष्मी नमोस्तुते

3- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्

4- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:


महालक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता।

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता।