Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर करें ये 3 उपाय, भाई-बहन दोनों ही बन जाएंगे अमीर

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Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर करें ये 3 उपाय, भाई-बहन दोनों ही बन जाएंगे अमीर

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर करें ये 3 उपाय

भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन इस बार 30 अगस्त 2023 को आ रहा है


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन इस बार 30 अगस्त 2023 को आ रहा है। इस दिन बहनें भाई की रक्षा तथा उसकी लंबी आयु के लिए भाई के हाथ पर राखी बांधती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार रक्षाबंधन पर इस बार कई विशेष योग बन रहे हैं। यदि इन योगों के अनुसार कुछ आसान से उपाय कर लिए जाए तो राखी के पर्व पर भाई और बहन दोनों ही करोड़पति बन सकते हैं। जानिए रक्षाबंधन तिथि, मुहूर्त तथा उपायों के बारे में

रक्षाबंधन पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग 

इस वर्ष सावन माह की पूर्णिमा 30 अगस्त 2023, बुधवार को आ रही है। इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा। इस दिन धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र रहेंगे। साथ में सुकर्मा योग भी बन रहा है। इस दिन दोपहर 11.42 बजे से 1.06 बजे तक अमृत काल एवं दोपहर 2.35 बजे से 3.26 बजे तक विजय मुहूर्त रहेगा।

यदि चौघड़िया की बात करें तो सुबह 6.05 बजे से 9.16 बजे तक लाभ एवं अमृत का चौघड़िया रहेगा। सुबह 10.52 बजे से दोपहर 12.27 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। सायं 5.14 बजे से 6.50 बजे तक लाभ का चौघड़िया रहेगा। इन सभी मुहूर्तों में राहुकाल और भद्रा को टाल कर राखी बांधी जा सकेगी। इन मुहूर्तों में राखी बांधना भाईयों और बहनों दोनों के लिए शुभ रहेगा। इसके अलावा भी आप रक्षाबंधन के उपाय कर सकते हैं।.

रक्षाबंधन पर करें ये उपाय

इस दिन भाईयों को राखी बांधने के पूर्व गणेशजी तथा घर के इष्टदेव को राखी बांधनी चाहिए। इससे अशुभ मुहूर्त संबंधी तथा भाई पर आने वाली सभी विपदाएं भगवान हर लेते हैं। साथ ही भाई-बहन के बीच प्रेम अटूट बना रहता है।

इस बार रक्षाबंधन पर बुधवार आएगा। अतः यदि इस दिन भाई-बहन दोनों मिलकर गजानन गणपति की आराधना करें और हाथी को दूब खिलाएंगे तो उनके जीवन में समृद्धि आएगी।

रक्षाबंधन का पर्व श्रावण माह की पूर्णिमा को आता है। इस दिन लक्ष्मीसूक्त और श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही पंचमेवा खीर बनाकर उससे हवन करते हुए मां लक्ष्मी को श्रीसूक्त के 16 श्लोकों से आहुति देनी चाहिए। इससे भाई-बहन दोनों का ही भाग्योदय होता है।