अनंत चतुर्दशी के दिन करें बप्पा का विसर्जन, गणपति जाते-जाते भी संवार देंगे तकदीर

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अनंत चतुर्दशी के दिन करें बप्पा का विसर्जन, गणपति जाते-जाते भी संवार देंगे तकदीर

अनंत चतुर्दशी के दिन करें बप्पा का विसर्जन, गणपति जाते-जाते भी संवार देंगे तकदीर

सनातन धर्म में गणेश भगवान की पूजा का अधिक महत्व होता है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। सनातन धर्म में गणेश भगवान की पूजा का अधिक महत्व होता है। सभी देवों में सबसे पहले इनकी ही पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक बड़े धूम-धाम और विधि-विधान से  बप्पा की पूजा की जाती है। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा का विसर्जन किया जाता है। गणपति के 10 दिनों के उत्सव में विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आज इस खबर में जानेंगे की बप्पा का विसर्जन कब होगा  और इसके साथ ही विसर्जन की पूजा विधि क्या होगी। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

गणपति का विसर्जन का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल गणेश चतुर्थी को बप्पा को घर लाया जाता है और अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन होता है। इस साल बप्पा का विसर्जन 28 सितंबर 2023 दिन  गुरुवार यानी अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाएगा। बप्पा को विसर्जन के लिए कई अलग-अलग शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। आज यानी 25 सितंबर 2023 दिन सोमवार को सायाह्न मुहूर्त शाम 05:19 से लेकर शाम 07:45 तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में आप गणपति का विसर्जन कर सकते हैं।

इसके साथ ही दुसरा शुभ मुहूर्त 28 सितंबर 2023 दिन गुरुवार को विसर्जन करने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। इस दिन दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह के 06:11 से लेकर सुबह के 07:40 तक हैं। दूसरा शुभ मुहूर्त में बप्पा का विसर्जन करने के लिए शाम 04:41 मिनट से लेकर रात्रि के 09:10 मिनट तक गणपति बप्पा का विसर्जन किया जा सकता है।

गणपति विसर्जन की पूजा विधि

शास्त्र के अनुसार, गणेश भगवान के विसर्जन के लिए इस दिन पूजा विधि निम्न तरह से की जाती है। सबसे पहले बप्पा की पूजा के दौरान लाल चंदन, दूर्वा,स मोदक, लाल फूल, पान, सुपारी और धूप-दीप आदि अर्पित करना होता है। इसके बाद पूरे परिवार के साथ बप्पा की आरती करना चाहिए। आरती के बाद हवन करें। विसर्जन में हवन का बहुत ही विशेष महत्व होता है। अंत में बप्पा से अपनी सारी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और धूम-धाम से बप्पा का विसर्जन करें।