30 मई को है निर्जला एकादशी, इन उपायों से बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

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30 मई को है निर्जला एकादशी, इन उपायों से बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

30 मई को है निर्जला एकादशी, इन उपायों से बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में कुल 24 एकादशियां आती हैं। 


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में कुल 24 एकादशियां आती हैं। इनमें से 12 कृष्ण पक्ष तथा 12 शुक्ल पक्ष में आती हैं। इन सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी (ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी) के व्रत को सर्वोत्तम माना गया है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि जो निर्जला ग्यारस का व्रत करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई कमी नहीं आती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार एकादशी पर कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली पा सकता है। इन उपायों को करने के लिए किसी प्रकार के मुहूर्त या पंचांग को देखने की भी आवश्यकता नहीं होती है। जानिए निर्जला एकादशी के उपायों के बारे में

जल का दान करें

निर्जला एकादशी का व्रत पूरे दिन भूखे, प्यासे रहकर किया जाता है। यदि कोई इस दिन जल का दान करें अथवा सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवाकर पानी पिलाएं तो उसे अनन्त गुणा पुण्य मिलता है। इस उपाय से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों ही प्रसन्न होते हैं तथा व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

तुलसी की पूजा

भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व माना गया है। एकादशी पर तुलसी के पौधे को जल से सींच कर उसके निकट देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति स्वर्ग जाता है।

भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी को चढ़ाएं पीला चंदन

भगवान विष्णु को पीले चंदन का तिलक लगाया जाता है। अत: एकादशी के दिन उन्हें तथा मां लक्ष्मी की प्रतिमा की पूजा कर उन्हें पीले चंदन का तिलक लगाना चाहिए। साथ ही पीले पुष्प, भोग के रूप में भी पीले फल तथा पीले रंग की मिठाई अर्पित करनी चाहिए। इससे व्यक्ति पर आने वाला आकस्मिक संकट टल जाता है।