जानें सावन में महामृत्युंजय मंत्र जपने का लाभ और नियम

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जानें सावन में महामृत्युंजय मंत्र जपने का लाभ और नियम

 जानें सावन में महामृत्युंजय मंत्र जपने का लाभ और नियम

 हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का महत्व दूसरे देवी-देवताओं से थोड़ा अलग है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क।  हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का महत्व दूसरे देवी-देवताओं से थोड़ा अलग है। मनचाहा पति पाने की इच्छा हो या कष्टों से मुक्ति की आस,भगवान भोलेनाथ हर विपदा से अपने भक्तों को बचाते हैं. शिव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जिक्र शास्त्रों में किया गया है, महामृत्युंजय मंत्र भी उनमें से एक है। अकाल मृत्यु के खौफ से दूर रहने और बीमारियों से मुक्ति के लिए भोलेनाथ के चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी है। इस मंत्र के जाप से देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं और हर दुख से अपने भक्तों को दूर रखते हैं। रोग,भय, अकाल मौत का डर, हर बला से बचने के लिए कलयुग में भगवान शिव का महामृत्युंजय जाप बहुत ही लाभकारी है। सावन के महीने में इस मंत्र के जाप का महत्व ही अलग है. क्या है सावन में महामृत्युंजय मंत्र के जाप का फायदा और क्या है नियम जानें यहां।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बंधनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ 

इस मंत्र का जाप अगर सवा लाख बार किया जाए तो मौत का भय मन से दूर होता है। अगर सवा लाख बार मंत्र का जाप कर पाना संभव नहीं है तो 108 बार करने से भी शुभ फल मिलता है। 

सावन में क्यों खास है महामृत्युंजय मंत्र का जाप

वैसे तो भोलेनाथ के इस चमत्कारी मंत्र का जाप किसी भी महीने में सोमवार के दिन से शुरू किया जा सकता है लेकिन सावन के महीने में इस मंत्र के जाप की महिमा ही अलग है।  इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला के साथ करना शुभ माना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ होता है, भगवान भोलेनाथ के प्रिय महीने में उनके चमत्कारी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भोलेनाथ जल्दी अपनी कृपा बरसाते हैं।  मान्यता है कि सावन के शुभ महीने में इस मंत्र का जाप 1100 बार करने से रोग-भय से मुक्ति मिल जाती है।  अकाल मौत का डर भी मन से दूर हो जाता है। भोलेनाथ को समर्पित होने की वजह से सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभफल दायक होता है।  इससे जीवन में तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं। 

ये हैं महामृत्युंजय मंत्र के जाप के नियम

शिव के चमत्कारी मंत्र का जाप भोलेनाथ की प्रतिमा या शिवलिंग के सामने करना ज्यादा लाभकारी माना जाता है। 
महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करना शुभफल देने वाला होता है। 
भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पण करने के बाद ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू करना चाहिए।