देवशयनी एकादशी पर कर लें ये 2 उपाय, टलेगा हर संकट

हिंदू पंचांग में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है।
पब्लिक न्यूज़ डेस्क। हिंदू पंचांग में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है। पंचांगग के अनुसार पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशियां आती हैं जबकि अधिक मास वाले वर्ष के दौरान 26 एकादशियां आती हैं। इन सभी एकादशियों में देवशयनी एकादशी और देवउठनी एकादशी को प्रमुख माना गया है।
शास्त्रों में कहा गया है कि देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु शेष शैय्या पर योगनिद्रा में लीन हो जाते हैं। इसके बाद वह चार माह बाद देवउठनी एकादशी पर योगनिद्रा त्यागते हैं। इन चार माह के समयकाल में समस्त प्रकार के मांगलिक व शुभ कार्यों का निषेध किया गया है। यदि इन दोनों एकादशियों में से किसी भी एक पर भगवान श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए कुछ आसान से उपाय कर लिए जाए तो व्यक्ति का भाग्य भी बदल सकता है।
इन उपायों में सर्वोत्तम उपाय एकादशी का व्रत तथा मां लक्ष्मी सहित भगवान नारायण की पूजा माना गया है। इसके अलावा भी आप अपनी राशि अनुसार उपाय कर सकते हैं। इन उपायों से निश्चित रूप से भक्तों के समस्त पाप, कष्ट और दुख दूर होते हैं। आचार्य अनुपम जौली से जानिए देवशयनी एकादशी के ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में
इन उपायों से दूर होगी हर मुश्किल
आचार्य अनुपम जौली कहते हैं कि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किए गए उपायों से भगवान भी भक्त के अधीन हो जाते हैं और उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। ऐसे ही दो उपाय यहां दिए जा रहे हैं।
देवशयनी एकादशी पर किसी शिव मंदिर या विष्णु मंदिर में जाएं। वहां पर ईश्वर की पूजा करें। पूरे दिन व्रत रखें तथा निराहार रहते हुए केवल एक बार फलाहार ग्रहण करें। इसके साथ ही इस दिन 21 हजार बार द्वादशाक्षर मंत्र का जप करें। इस उपाय से व्यक्ति पर आया बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। यहां तक कि यह उपाय मृत्यु को भी टाल देता है।
इस दिन मां लक्ष्मी सहित भगवान श्रीहरि की पूजा करें। इसके बाद किसी अनाथ आश्रम में जाकर छोटे बच्चों तथा कन्याओं को स्वादिष्ट भोजन करवाएं। उन्हें यथासंभव वस्त्र, खिलौने तथा मिठाई भी बांटें। यह उपाय भी तुरंत ही असर दिखाता है और व्यक्ति के घर में साक्षात मां लक्ष्मी का वास हो जाता है।