दिन में बारिश, रात में कोहरा, जानें कब तक चलेगा ये सिलसिला?

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दिन में बारिश, रात में कोहरा, जानें कब तक चलेगा ये सिलसिला?

दिन में बारिश, रात में कोहरा, जानें कब तक चलेगा ये सिलसिला? 

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में पिछले तीन दिन खूब बारिश हुई।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में पिछले तीन दिन खूब बारिश हुई। तेज हवाओं के साथ कहीं ओले पड़े तो कहीं बूंदाबादी हुई। पहाड़ों पर भी बर्फबारी हुई। ये वो समय है, जब हर साल लोग तपती गर्मी से बेहाल हो जाते थे। उमस और लू से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था।

इस बार यूपी, दिल्ली एनसीआर से लेकर पंजाब, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल तक में बारिश हुई। इसके चलते मौसम काफी खुशनुमा हो गया। बुधवार की रात तो दिल्ली एनसीआर में जबरदस्त कोहरा देखने को मिला। 

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये सिलसिला कब तक जारी रहेगा? क्या आगे भी बारिश का अनुमान है? अगले 10 दिनों तक मौसम कैसा रहेगा? मौसम वैज्ञानिक क्या कहते हैं? आइए जानते हैं... 
 
तीन दिन में पूरे महीने की बारिश का कोटा पूरा हो गया  

मई के तीन दिन में हुई बारिश ने पूरे महीने के कोटे को पूरा कर दिया है। मई में अमूमन 30.7 मिमी बारिश होती है, लेकिन अब तक (तीन दिन में ही) 35.7 मिमी बारिश हो चुकी है। एक मई को औसतन 14.8 मिमी बारिश हुई थी, जबकि बुधवार को शाम साढ़े पांच बजे तक 20.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण तापमान में भी गिरावट हो रही है। अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री कम दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में गुरुवार सुबह कोहरे की मोटी परत छाई रही। 

कब तक होगी बारिश? 

इसे समझने के लिए हमने मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमआर रानालकर से बात की। उन्होंने कहा, इस हफ्ते ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। इस हफ्ते तक 14 राज्यों में तेज बारिश हो सकती है। इसके अलावा पांच राज्यों में हल्की बारिश और 10 राज्यों में बादल छाए रहने की आशंका है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। 

गुरुवार को भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश का अनुमान है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहेगा। रविवार तक तापमान 32-33 डिग्री के बीच और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री तक रहेगा। उसके बाद तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरू होगी। 

मई के दूसरे हफ्ते से बारिश में कमी आने लगेगी। मई के दूसरे हफ्ते के बाद हीट वेव भी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में गर्मी भी बढ़ने लगेगी। मौसम विभाग के अनुसार, मार्च से अप्रैल तक के जिलेवार आंकड़ों के मुताबिक 17 राज्यों के 59% जिलों में सामान्य से बहुत अधिक बारिश हो चुकी है।
 
गर्मी में बारिश क्यों हो रही? 

मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमआर रानालकर ने कहा, 'आमतौर पर गर्मी के समय पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय नहीं होते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। इसी के चलते बेमौसम बारिश हो रही है।' 

उन्होंने आगे कहा, 'पश्चिमी विक्षोभ के रूप में चक्रवाती सर्कुलेशन निचले और ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों में मध्य पाकिस्तान पर स्थित है। निचले क्षोभमंडल में दक्षिण पाकिस्तान और इससे सटे पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। चक्रवाती हवाओं का एक क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और दूसरा दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर निचले क्षोभमंडल स्तर पर बना हुआ है। ये क्षोभमंडलीय स्तरों में पूर्वी विदर्भ से तमिलनाडु के अंदरूनी क्षेत्र में हवाओं के बदलाव से मौसम बदला हुआ है।'
 
अगले दस दिन कैसा रहेगा मौसम?

डॉ. एमआर रानालकर के अनुसार, सोमवार से तापमान में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी। इसके बाद मई के दूसरे हफ्ते में गर्मी का एहसास किया जा सकेगा। हीट वेब का भी सामना करना पड़ सकता है। 12 मई तक दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 35 से 40 और न्यूनतम 24 से 30 रहने का अनुमान है।

 इसके बाद इसमें और अधिक इजाफा देखने को मिलेगा। 18 मई को दिल्ली में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। कई राज्यों में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक जाने का भी अनुमान है। ऐसे में सभी को बचकर रहना चाहिए। 
 
इस साल बारिश के मौसम को लेकर दो दावे हुए हैं 

इस साल बारिश को लेकर दो अलग-अलग दावे हुए हैं। स्काईमेट वेदर ने कहा था कि इस साल सामान्य से कम बारिश होगी और सूखा पड़ने की आशंका है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग ने इसके ठीक उलट दावा किया है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा और इसके 96 प्रतिशत (+/-5% ) रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने ये भी कहा है कि इस साल देशभर में 83.7 मिलीमीटर बारिश होगी। विभाग ने कहा कि जुलाई के आसपास एल-नीनो कंडीशन रह सकती है, लेकिन मॉनसून के साथ एल-नीनो का सीधा संबंध नहीं रहेगा।

बता दें कि प्रशांत महासगार में पेरू के पास सतह का गर्म होना अल नीनो कहलाता है। अल नीनो की वजह से समंदर के तापमान, वायुमंडल में बदलाव होता है और इस बदलाव की वजह से समंदर का तापमान 4-5 डिग्री तक बढ़ जाता है। अल नीनो की वजह से पूरी दुनिया के मौसम पर प्रतिकूल असर पड़ता है।