LNJP अस्पताल ने नवजात को मृत बता डिब्बे में पैक कर भेजा, परिजनों ने खोला तो मिली जिंदा

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LNJP अस्पताल ने नवजात को मृत बता डिब्बे में पैक कर भेजा, परिजनों ने खोला तो मिली जिंदा

LNJP अस्पताल ने नवजात को मृत बता डिब्बे में पैक कर भेजा, परिजनों ने खोला तो मिली जिंदा

लोकनायक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है।


पब्लिक न्यूज़ डेस्क। लोकनायक अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। आरोप है कि यहां नवजात को मृत बताकर डॉक्टरों ने उसे डिब्बे में पैक कर परिवार को सौंप दिया। परिवार ने घर पहुंचकर डिब्बा खोला तो बच्ची हाथ हिला रही थी, जिसे देख पूरा परिवार चौक गया और तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों ने उसे जिंदा मानने से ही मना कर दिया।

विवाद बढ़ा तो परिवार ने पुलिस को फोन किया। काफी नोकझोंक के बाद पुलिस के दबाव में बच्ची को अस्पताल की नर्सरी में वेंटिलेटर पर रखा गया है। फिलहाल बच्ची की हालत स्थिर बनी हुई है। उधर, अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी को 48 घंटे में रिपोर्ट देनी है। नवजात के पिता अब्दुल मलिक ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी अरुणा आसफ अली अस्पताल में भर्ती थी, यहां उसके शरीर से पानी और खून का रिसाव हो रहा था, जिसे देख डॉक्टरों ने उसे लोकनायक अस्पताल में रेफर कर दिया। उन्होंने कहा कि वह 17 फरवरी को पत्नी को लेकर लोकनायक अस्पताल आ गए। यहां पत्नी ने रविवार शाम एक बच्ची को जन्म दिया। 

डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर डिब्बा लाने को कहा, लेकिन पत्नी ने कहा कि बच्ची जिंदा है और हाथ हिला रही है, लेकिन उसकी बात नहीं मानी और परिवार के सदस्य को अंदर बुलाया। बाद में एक डिब्बा मंगवाया और नवजात को पैक कर थमा दिया। पिता ने कहा कि जब वह नवजात को लेकर घर पहुंचे और डिब्बा खोला तो बच्ची हाथ हिला रही थी। अब्दुल ने कहा कि वह उसी समय बच्ची को लेकर अस्पताल की नर्सरी में पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया।

काफी नोकझोंक के बाद पुलिस के दबाव में नवजात को भर्ती किया गया है। डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि अस्पताल में हुई लापरवाही की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी दो दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर दोषी संबंधित स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की जांच कर रहा है।