गीता प्रेस गोरखपुर को सम्मानित करने पर भड़की कांग्रेस, जयराम रमेश बोले...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित
पब्लिक न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित करने का फैसला लिया है। रविवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की गई है। अब केंद्र सरकार के इस फैसला का कांग्रेस ने विरोध किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे सावरकर को पुरस्कार देने जैसा बताया है।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस कदम की आलोचना की है। इस पुरस्कार के लिए गीता प्रेस के चयन को एक उपद्रव करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना, “सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने” जैसा होगा।
जयराम रमेश ने किया ट्वीट
उन्होंने तर्क दिया कि एक लेखक अक्षय मुकुल ने ‘गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया’ नामक एक जीवनी लिखी थी। रमेश ने कहा कि ये किताब मुकुल के महात्मा गांधी के साथ संबंधों के बारे में बताती है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता भी शामिल हैं।
इस बीच, पीएम मोदी ने पुरस्कार के लिए गीता प्रेस को बधाई दी और क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, कि मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं। उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है।