जामा मस्जिद में लड़कियों के जाने पर बैन, मस्जिद के गेट पर चश्पा

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जामा मस्जिद में लड़कियों के जाने पर बैन, मस्जिद के गेट पर चश्पा

जामा मस्जिद में लड़कियों के जाने पर बैन, मस्जिद के गेट पर चश्पा


पब्लिक न्यूज़ डेस्क : दिल्ली की जामा मस्जिद में लड़कियों का प्रवेश रोकने पर बवाल शुरू हो गया है. विश्व हिन्दू परिषद ने इस मामले में हैदराबाद के सांसद ओवैसी से सवाल किया है. वीएचपी प्रवक्ता विनोद वंसल ने ओवैसी को भड़काऊ भाईजान कहते हुए कटाक्ष किया है कि वह तो मुस्लिम लड़कियों को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने की बात करते हैं और मस्जिद में भी घुसने से रोका जा रहा है. हालांकि जामा मस्जिद प्रबंधन के इस फरमान की आलोचना मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रवक्ता शाहिद सईद ने भी की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की मानसिकता ही गलत है.

उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद इबादत की जगह है और यहां आने से किसी को भी रोका नहीं जा सकता. उन्होंने मस्जिद प्रबंधन से सवाल किया है कि इबादत की जगह हर किसी के लिए खुली होनी चाहिए. यहां लड़कियों या महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव क्यों. इसी प्रकार सामाजिक कार्यकर्ता शहनाज अफजल ने जामा मस्जिद प्रबंधन के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. कहा कि देश में चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम, लड़का हो या लड़की, सबको बराबरी का अधिकार है. ऐसे में इस तरह का फैसला लेकर जामा मस्जिद प्रबंधन ने संविधान को भी ताक पर रखने जैसा काम किया है. उन्होंने कहा कि देश इस तरह के फैसला को कभी स्वीकार नहीं करेगा.

यह है मामला

दिल्ली के जामा मस्जिद में हाल ही में लड़कियों के अकेले प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. जामा मस्जिद प्रबंधन ने इस संबंध में विधिवत आदेश जारी कर इसकी प्रतिया मस्जिद के गेट पर चश्पा कराई हैं. इसमें लिखा है कि जामा मस्जिद में लड़कियों का अकेले दाखिल करना मना है. इस तरह की पट्टी मस्जिद के तीनों गेट पर लगी है.

महिलाओं के अधिकार में हस्तक्षेप पर बवाल

इस समय देश में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में महिलाओं के अधिकार को लेकर विमर्श चल रहा है. खासतौर पर इस्लाम में महिलाओं को दकियानुसी परंपराओं से आजादी दिलाने की बात हो रही है. यह लड़ाई भी खुद समाज की महिलाएं अपने दम पर लड़ रही हैं. भारत में तीन तलाक का विरोध तो ईरान में हिजाब को लेकर प्रदर्शन एक नमूना है.

मस्जिद प्रबंधन ने किया बचाव

खूब किरकिरी होने के बावजूद जामा मस्जिद प्रबंधन ने अपने फैसले का बचाव किया है. मस्जिद के प्रवक्ता सबीउल्लाह ने कहा कि जामा मस्जिद में ऐसे भी कपल आ जाते हैं जिनका व्यवहार धर्म के अनुकूल नहीं होता. कई बार लोग वीडियो बनाने के लिए नमाजियों के बीच चले आते हैं. इनमें युवतियां ज्यादा होती है. इसलिए इस व्यवस्था को लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि मस्जिद में वीडियो न बनाने के संदेश भी लिखे गए हैं.

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