राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मंच पर क्षेत्रीय ओबीसी नेता का कद बड़ा,अब चर्चा मे

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राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मंच पर क्षेत्रीय ओबीसी नेता का कद बड़ा,अब चर्चा मे

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मंच पर क्षेत्रीय ओबीसी नेता का कद बड़ा,अब चर्चा मे 

दिल्ली में हुई 2 दिनों की भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंच पर अगर किसी बड़े


पब्लिक न्यूज़ डेस्क- दिल्ली में हुई 2 दिनों की भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंच पर अगर किसी बड़े क्षेत्रीय ओबीसी नेता का कद बड़ा किया गया हो, तो यूपी  के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, केंद्रीय कानून मंत्री और जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले किरण रिजिजू ने राजनीतिक प्रस्ताव पढ़ा, तो उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने इस राजनीतिक प्रस्ताव का मंच पर अनुमोदन किया, जबकि तीसरे अनुमोदक के तौर पर कर्नाटक के एक दलित नेता को मौका दिया गया, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री ज्यादातर इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी में दर्शक की भूमिका में रहे, हैदराबाद में हुए पिछले कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने रखा था, जबकि उसका अनुमोदन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने किया था, लेकिन इस बार राष्ट्रीय प्रस्ताव का अनुमोदन केशव मौर्य ने किया है।बीजेपी के इस कदम को उत्तर प्रदेश ओबीसी की सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है और दूसरी तरफ ओबीसी चेहरे केशव मौर्य को बड़ा करने की पार्टी की मंशा के तौर पर भी देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने केशव मौर्य को डिप्टी सीएम बनाए रखा, पिछड़े चेहरे के तौर पर वह यूपी में बीजेपी के सबसे बड़े ओबीसी फेस हैं और साथ साथ राष्ट्रीय मंचों पर भी केशव मौर्य को बीजेपी लगातार बड़ा कर रही है, ऐसे में उत्तर प्रदेश में इसे केशव मौर्य के बढ़ते प्रभाव के तौर पर या फिर बीजेपी के भीतर बड़े होते कद के तौर पर भी देखा जा सकता है।