हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा दून-हरिद्वार रेल ट्रैक, 38 साल में 32 हाथियों की मौत

  1. Home
  2. उत्तराखंड

हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा दून-हरिद्वार रेल ट्रैक, 38 साल में 32 हाथियों की मौत

हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा दून-हरिद्वार रेल ट्रैक, 38 साल में 32 हाथियों की मौत


देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से गुजर रहा रेलवे ट्रैक हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। वन विभाग और रेलवे में सामंजस्य का अभाव होने के चलते हर साल कई हाथी अपनी जान गवां रहे हैं। हरिद्वार-देहरादून के बीच स्थित इस ट्रैक पर बीते 38 वर्ष में 32 हाथी काल का ग्रास बन चुके हैं। इसी साल अब तक दो हाथियों ने ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाई है।

शनिवार को रायवाला के पास मालगाड़ी की चपेट में आकर हाथी की मौत हो गई। इसके अलावा बीते आठ मार्च को लच्छीवाला में एक शिशु हाथी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हुई थी। बीते साल 27 जुलाई को नकरौंदा के पास और फिर पिछले वर्ष ही 21 नवंबर को हर्रावाला के पास रेलवे ट्रैक हाथियों के लिए काल साबित हुआ है। 15 अक्टूबर 2016 को नंदा देवी एक्सप्रेस से रायवाला के पास और 19 अप्रैल 2017 में ज्वालापुर के पास दो टस्कर हाथी ट्रेन से कट गए। फरवरी 2018 में रायवाला के पास ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों के झुंड में शामिल शिशु हाथी व 20 मार्च को मादा हाथी की मौत हो गई थी। आंकड़े बताते हैं कि इससे पहले 2001 में चार हाथियों को ट्रेन ने चपेट में लिया था। 1983 में पार्क बनने से लेकर अब तक इस ट्रैक पर 32 हाथियों की जान जा चुकी है। वन विभाग हाथियों की सुरक्षा को लेकर तमाम उपाय करने के दावे तो करता है, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है।

वैसे तो वन विभाग ने ट्रैक पर गश्त करने के लिए विशेष टीम बनाई हुई है और जिस जगह घटना हुई वहां पर निगरान टावर भी है। रात को किसी न किसी को यहां ड्यूटी पर मौजूद होना चाहिए था, लेकिन ये व्यवस्था दूर तक नजर नहीं आ रही। शुक्रवार रात हुई घटना के वक्त यदि वन विभाग की गश्ती टीम ट्रैक पर होती तो शिशु हाथी को बचाया जा सकता था।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें पब्लिक न्यूज़ टी वी के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @PublicNewsTV और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @PublicNewsTV पर क्लिक करें।